मंडी में जल निकासी ठीक नहीं, गंदगी का आलम
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 2 अप्रैल
बंपर फसल होने के बावजूद क्षेत्र की सबसे बड़ी अम्बाला शहर की अनाज मंडी में जल निकासी की व्यापक व्यवस्था आज तक ठीक नहीं हो पाई। जगह -जगह नालियों में पानी और गंदगी भरी पड़ी है। घास फूस उग रहा है। हालांकि शेष मूलभूत सुविधाएं चाक चौबंद करने का दावा मार्केट कमेटी के सचिव दलेल सिंह द्वारा किया गया है। खरीद नोडल एजेंसी आपूर्ति विभाग के डीएफएससी जतिन गोयल के अनुसार तीनों खरीद एजेंसियों के पास सरप्लस बारदाना उपलब्ध है। परंपरागत तरीके से रबी फसलों की खरीद का काम 1 अप्रैल से शुरू हो जाता है लेकिन इस बार गेहूं की प्रमुख फसल आने में करीब 10 दिन शेष हैं। अनुमान है कि बैसाखी के आसपास मंडी में गेहूं आवक प्रारंभ हो जाएगी लेकिन रेलवे लाइन के हिस्से की तरफ तो गंदगी ने साम्राज्य फैला रखा है। हूडा की दुकानों में वाहन धुलाई का काम होने के कारण वहां का सारा पानी गेट नंबर 2 की तरफ आता है जो सड़क क्षतिग्रस्त करने का काम कर रहा है।
नई अनाज मंडी एक्टेंशन 1 में जाने वाले रास्ते की क्रास कर रही नालियों के ऊपर लगाई गई ग्रिलें असंतुलित और बैठी हुई होने के कारण वहां गेहूं से भरी ट्रालियां या ट्रक फंस सकते हैं। इस बार राहत की बात यह है कि मंडी के चारों शेड एकदम ठीक अवस्था में हैं लेकिन सार्वजनिक शौचालयों की संख्या वही पुरानी है। जिले में करीब 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई है। बड़े पैमाने पर सीमांत पंजाब के किसान यहां फसल बेचने आते हैं।
दरअसल शहर की मंडी साल में करीब 9 करोड़ रुपये राजस्व जुटाती है लेकिन मूलभूत सुविधाएं देने अथवा समस्याएं हल करने के लिए पर्याप्त बजट खर्च नहीं होतता। इस बार भी सड़कों पर पैच मात्र लगाकर खड्डे ढकने का काम किया गया है। नालियां गंदे पानी और कबाड़े से भरी पड़ी हैं। कई जगह तो मलबा ही पड़ा है। आढ़तियों की माने तो पानी निकासी का कोई प्रबंध मंडी बनने के बाद से ही ठीक ढंग से नहीं हो पाया है। एक ओर निकलने वाला नगर निगम का नाला जाम हुआ पड़ा है तो मंडी के आगे सेक्टरों की ओर जाने वाला हूडा का नाला बिल्कुल बंद पड़ा है।
खाली करवाई जमीन को लेकर ऊहापोह की स्थिति
मंडी के साथ करीब 13 एकड़ लैंड पर से झोंपड़ पट्टी हटाने का काम इस वायदे के साथ किया गया था कि इसे मंडी में मिला दिया जएगा और किसान व आढ़ती उसमें अपनी फसल गिरा सकेंगे। लेकिन उस जमीन का अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया। आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान दूनीचंद दानीपुर और मार्केट कमेटी के पूर्व वाइस चेयरमैन भारत भूषण अग्रवाल का कहना है कि अब तो हूडा ग्राउंड में भी गेहूं गिराने का स्थान नहीं रहा। ऐसे में यदि झोपड़ पट्टी वाली जगह बेशकीमती जमीन शीघ्र ही मंडी को नहीं मिली तो भूमाफिया कब्जा कर सकता है।
अनाज आढ़ती सांकेतिक धरने पर

अम्बाला शहर (हप्र) : क्षेत्र की सबसे बड़ी अम्बाला शहर की नई अनाज मंडी में आज आढ़तियों ने आढ़त बढ़ाए जाने सहित 4 मांगों को लेकर सांकेतिक धरना दिया। आढ़ती 5 अप्रैल तक धरने पर बैठेंगे। आज धरने की अध्यक्षता आढ़ती एसोसिएशन के महासचिव जगदीश अनेजा ने की। दोनों एसोसिएशनों के प्रधान सहित आढ़तियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग के मंत्री मूलचंद शर्मा से मिलने चंडीगढ़ गए। वहीं धरने पर बैठे आढ़तियों का कहना है उनकी मांगों में आढ़त फिक्स के स्थान पर अढ़ाई प्रतिशत करना, एमएसपी से संबंधित सभी फसलों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से करने, फसल का भुगतान सीधे किसानों के खाते में देने के स्थान पर उसकी मर्जी से दिए जाने की मांगें शामिल हैं। हरियाणा में कच्चा आढ़ती एसोसिएशन अम्बाला शहर के महासचिव जगदीश अनेजा ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर वे धरने पर हैं और शुक्रवार तक रोजाना 2 घंटे तक मार्किट कमेटी दफ्तर के बाहर धरना देंगे। उसके बाद प्रदेश इकाई के निर्देशानुसार आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस मौके पर प्रमुख रूप से बाबी मेहंदीरत्ता, सहदेव, शेर पाल, सुदर्शन कुमार, विमल गुप्ता, सुधीर अनेजा, कुलदीप गर्ग आदि मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार बीते रोज भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी बंतो कटारिया के साथ अनाज मंडी आए परिवहन मंत्री और स्थानीय विधायक असीम गोयल को आढ़तियों ने अपनी व्यापारिक समस्याएं बताकर उन्हें दूर करवाने का आग्रह किया।
मंडियों में सन्नाटा, आढ़ती गुस्से में
अम्बाला (हप्र) : सरकार की नीतियों के खिलाफ अनाज मंडियों में मौजूद आढती लगातार सरकार को कोसने में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार की ओर से मंडी में खरीद को लेकर कोई तैयारी ही नहीं की गई। साहा अनाज मंडी आढती संगठन के पूर्व प्रधान जसबीर सिंह जस्सी ने कहा कि 5 अप्रैल तक आढ़ती सांकेतिक धरना पर हैं जिसके चलते अभी मंडियों में गेहूं की आवक नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि सरकार से लगातार आढ़ती वर्ग अपनी मांगों को लेकर रोना रो रहा है लेकिन हैरानी की बात यह है कि कोई उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है। वहीं कृषि उपनिदेशक अम्बाला जसविंदर सैनी के अनुसार आढ़तियों के सांकेतिक धरने से गेहूं की आवक का कोई लिंक नहीं है। फसल अच्छी है। मौसम गेहूं के अनुकूल रहा, जिसके चलते फसल की कटाई में थोड़ा देरी हो रही है।
''सभी मंडियों व खरीद केंद्रों में बिजली की सप्लाई सुचारू रखने, शौचालय, पेयजल, साफ सफाई की व्यवस्था के अलावा किसानों के विश्राम की व्यवस्था करने के आदेश दे दिए गए हैं। संबंधित उपमंडल अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र की मंडियों पर समुचित ध्यान रखने का कहा गया है।''
-डॉ. शालीन, उपायुक्त अम्बाला।