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संस्कृति के पुजारी और प्रचारक थे, डॉ. मंगल सेन : दत्तात्रेय

10:54 AM Oct 28, 2023 IST
संस्कृति के पुजारी और प्रचारक थे  डॉ  मंगल सेन   दत्तात्रेय
रोहतक में शुक्रवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में डॉ. मंगल सेन की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए। -हप्र
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हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 27 अक्तूबर
हरियाणा के राज्यपाल तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने डा. मंगल सेन को महान देशभक्त, प्रखर राष्ट्रवादी, भारतीय संस्कृति के घोषक तथा सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित महापुरुष बताया। उन्होंने कहा कि डॉ मंगल सेन भारतीय संस्कृति के पुजारी और प्रचारक थे। राज्यपाल ने कहा कि डॉक्टर मंगल सेन जनता के दिलों में बसे हुए थे। राज्यपाल शुक्रवार को पूर्व उप-मुख्यमंत्री, प्रतिष्ठित समाज सेवी, भाजपा के प्रखर नेता डा. मंगल सेन की जयंती पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के डा. मंगल सेन शोध पीठ के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने डा. मंगल सेन को उत्तम पुरुष करार देते हुए कहा कि जीवन के आखिरी सांस तक डा. मंगल सेन जन कल्याण तथा सामाजिक उत्थान कार्यों के लिए समर्पित रहे। राज्यपाल ने डा. मंगल सेन को स्वच्छ राजनीति तथा नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पित व्यक्तित्व बताया। उपमुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ रोहतक से 7 बार विधायक रहे, लेकिन उन्होंने अपना घर तक नहीं बनाया। पूरा जीवन किराए के मकान में रहे। उनके जीवन की अंतिम यात्रा भी किराए के मकान से ही निकली।
राज्यपाल ने कहा कि आज भारत में राष्ट्रवाद की विचारधारा प्रमुखता से स्थापित हुई है। डा. मंगल सेन इसी राष्ट्रवादी परंपरा के निर्वहन के लिए समर्पित रहे। राज्यपाल ने बताया कि वे संघ के एक कार्यक्रम में वर्ष 1980 में डॉ. मंगल सेन से मिले थे और काफी प्रभावित हुए थे। राज्यपाल ने इस संगोष्ठी कार्यक्रम में डा. मंगल सैन: सर्वहित साधक विषयक कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण किया। इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय तथा आवास मंत्री डा. कमल गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार दिवंगत डॉ. मंगल सेन की विचारधारा पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए महापुरुषों की विचारधारा को जीवित रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का बीज 1925 में नागपुर में बोया गया था और डॉ. मंगल सेन जैसे अनेक महापुरुषों ने मंदिर निर्माण के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि जनसंघ हो या जनता पार्टी अथवा भारतीय जनता पार्टी यह सभी राजनीतिक दल राष्ट्र के लिए बने हैं।
डॉ. कमल गुप्ता ने डॉ. मंगल सेन के साथ अपने निजी संस्मरण साझा किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 1972-73 से छात्र जीवन के दौरान से ही वे डा. मंगल सेन के संपर्क में रहे। डा. मंगल सेन के परोपकारी, सहज स्वभाव तथा सामाजिक कार्यों के प्रति उनके लगाव को डा. कमल गुप्ता ने उल्लेखित किया। मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि शिक्षा के प्रति डा. मंगल सेन का गहरा लगाव था, जिसके चलते रोहतक में हिन्दू शिक्षण संस्थान स्थापना में उनका विशेष योगदान रहा। रोहतक विश्वविद्यालय के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के नामकरण में भी डा. मंगल सेन की महती भूमिका रही।
कार्यक्रम के प्रारंभ में डा. मंगल सेन शोध पीठ के चेयरमैन प्रोफेसर डा. राजीव कुमार ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने डा. मंगल सेन शोध पीठ बारे भी बताया। डा. मंगल सेन शोध पीठ के सलाहकार सोमनाथ शर्मा ने डा. मंगल सेन शोध पीठ स्थापना की पृष्ठभूमि साझा की। शोध पीठ के तत्वावधान में डा. मंगल सेन संबंधित दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

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