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पूरा दिन मतदान के बावजूद ईवीएम की 99 प्रतिशत बैटरी चार्ज रहने पर संशय, मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा

07:07 AM Oct 11, 2024 IST
पूरा दिन मतदान के बावजूद ईवीएम की 99 प्रतिशत बैटरी चार्ज रहने पर संशय  मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा
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असीम राव/हप्र
नारनौल, 10 अक्तूबर
हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में मतगणना के दौरान खोली गई ईवीएम मशीनों की बैटरी का 99 प्रतिशत चार्ज रहना गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। बीते दिन इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर उन्हें इस संबंध में शिकायत सौंपी है। गौरतलब है कि नारनौल विधानसभा क्षेत्र की मतगणना के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी राव नरेंद्र सिंह व उनके मतगणना एजेंटों द्वारा एक बड़ी विसंगति पाई गई। यह विसंगति मतगणना के दौरान इस्तेमाल की जा रही ईवीएम मशीनों की बैटरी चार्ज क्षमता से संबंधित थी। उन्होंने पाया कि करीबन 70 ईवीएम मशीनें 99 प्रतिशत चार्ज दिखाई पड़ रही थी। और इत्तेफाकन इन्हीं 99 प्रतिशत चार्ज रहने वाली सभी मशीनों में भाजपा प्रत्याशी की ही जीत हुई जबकि जो मशीनें नार्मल 65 से 70 प्रतिशत तक चार्ज थी उनमें कांग्रेस की जीत हुई है। प्रश्न यह भी उठा कि मतदान वाले दिन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक पूरा दिन उपयोग में आने के बावजूद मशीनें 99 प्रतिशत चार्ज कैसे रह सकती हैं?
इस मामले को लेकर नारनौल से कांग्रेस प्रत्याशी राव नरेंद्र सिंह ने मतगणना के दौरान ही अपनी लिखित आपत्ति निर्वाचन अधिकारी को दर्ज करवाई। इसके बाद यही शिकायत करनाल , डबवाली , रेवाड़ी , पानीपत सिटी, होडल व कालका आदि विधानसभाओं में भी देखने को मिली। जहां से कांग्रेस प्रत्याशियों ने भी निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दी लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया। अब नारनौल से आरंभ हुआ ईवीएम मशीन के 99 प्रतिशत चार्ज रहने का मामला राष्ट्रीय स्तर तक भी पहुंच गया।
यह जवाब उपलब्ध करवाया गया था अधिकारियों को : 500 वोटों की पोलिंग के लिए एल्कलाइन सेल वाला सीयू बैटरी पैक लगभग 8.0वी से 7.4वी तक डिस्चार्ज होता है। चूँकि ईवीएम पावर पैक में इस्तेमाल किए जाने वाले एल्कलाइन सेल में पावर ऑफ कंडीशन (जब सीयू इस्तेमाल में नहीं होता है) में अपने वोल्टेज को वापस पाने की विशेषता होती है, इसलिए बैटरी वोल्टेज 7.4वी तक बढ़ जाता है। इसलिए गिनती के दिन जब सीयू चालू होता है, तो यह उपलब्ध बैटरी क्षमता को 99% पर आरंभ करता है। यह भी देखा गया कि ईवीएम पावर पैक में इस्तेमाल किए जाने वाले ‘जीपी अल्ट्रा’ एल्कलाइन सेल में खपत की गई क्षमता के मुकाबले बैटरी वोल्टेज में धीमी गति से कमी आ रही है। जबकि अन्य ओईएम से खरीदे गए सेल खपत की गई क्षमता के मुकाबले बैटरी वोल्टेज में थोड़ी तेज़ी से कमी दिखाते हैं। कमीशनिंग के दौरान 1500 वोटों (उपलब्ध CU के 5% में) के सैंपल पोलिंग के बाद, अगर CU बैटरी पैक को नए बैटरी पैक से नहीं बदला जाता है, तो पोलिंग के दिन CU पोलिंग के अंत में ‘बैटरी बदलें’ संदेश प्रदर्शित करता है। ऐसे मामलों में बैटरी पैक को नए बैटरी पैक से बदल दिया जाता है जो गिनती के दौरान 99% क्षमता प्रदर्शित करता है। प्राथमिक बिंदु से स्पष्ट है कि तृतीयक के दौरान नियंत्रण इकाई में बैटरी स्थिति 99 प्रतिशत एक सामान्य प्रक्रिया दिखाई देती है और यह कोई त्रुटि नहीं है और बैटरी के संबंध द्वारा की गई याचिका निराधार है।

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क्या कहते हैं नारनौल कांग्रेस प्रत्याशी

कांग्रेस प्रत्याशी राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश का परिणाम बेहद आश्चर्यजनक है, मीडिया से लेकर हर एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही थी। लेकिन आज ये जीत प्रजा की नहीं बल्कि तंत्र की है । उन्होंने कहा कि ईवीएम के मुद्दे को लेकर पार्टी के बड़े नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात की है व अपनी शिकायत दी है। मांग की गयी है कि जिन ईवीएम मशीनों की शिकायत मिली है, जांच होने तक उन मशीनों को सील किया जाए ताकि दूध का दूध व पानी का पानी हो सके।

जवाब पहले से तैयार था

चुनावी ड्यूटी पर तैनात एक आईटी कर्मचारी ने नाम न छापने के अनुरोध के साथ बताया कि उन्हें मतदान से पहले ही ऊपर से यह संदेश आ गया था कि बैटरी के चार्ज प्रतिशत को लेकर सवाल उठ सकते हैं। इसलिए जो जवाब भेजा जा रहा है यही जवाब शिकायतकर्ता को उपलब्ध करवा दिया जाए।

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