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Doping case : एथलेटिक्स कोच रमेश डोपिंग मामले में निलंबित, हरियाणा के लिए स्वर्ण जीतने वाले खिलाड़ी सहित सात पर गिरी गाज

10:53 AM Apr 20, 2025 IST

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (एजेंसी)
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने जूनियर राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच रमेश नागपुरी को डोपिंग में मिलीभगत के लिए निलंबित कर दिया है, जबकि सात एथलीट भी परीक्षणों से बचने के कारण निलंबित कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय एथलेटिक्स के लिए यह करारा झटका है क्योंकि इसके अलावा दो अन्य कोच करमवीर सिंह और राकेश को भी डोपिंग से जुड़े मामलों में निलंबित कर दिया गया है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने डोपिंग से जुड़े मामलों की जो नवीनतम सूची जारी की है उसमें सात एथलीट पारस सिंघल, पूजा रानी, ​​नालुबोथु शनमुगा श्रीनिवास, चेलिमी प्रतुशा, शुभम महरा, किरण और ज्योति भी शामिल हैं। इन सभी को निलंबित कर दिया गया है। 19 वर्षीय सिंघल ने 2024 में खेलो इंडिया युवा खेलों में हरियाणा के लिए लड़कों की 2,000 मीटर स्टीपलचेज़ में स्वर्ण पदक जीता था। श्रीनिवास ने 2024 में फेडरेशन कप, राष्ट्रीय अंर्राज्यीय चैंपियनशिप और राष्ट्रीय ओपन चैंपियनशिप तीनों में 200 मीटर में रजत पदक जीता था। नागपुरी हैदराबाद में भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में कार्यरत थे।
राष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त नागपुरी को 2023 में जूनियर मुख्य कोच नियुक्त किया था। उन्हें 2021 के नाडा डोपिंग रोधी नियमों के अनुच्छेद 2.9 के तहत निलंबित कर दिया गया है, जो किसी खिलाड़ी या अन्य व्यक्ति द्वारा मिलीभगत या मिलीभगत का प्रयास करने से संबंधित है।

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यह है आरोप

सूत्रों के अनुसार, नागपुरी ने कथित तौर पर दो एथलीटों को साइ के हैदराबाद केंद्र में नाडा के डोप संग्रह अधिकारियों से परीक्षण से बचने में मदद की थी। उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक दुती चंद के अलावा 2024 पैरालिंपिक कांस्य विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन (400 मीटर) दीप्ति जीवनजी को प्रशिक्षित किया है। संपर्क करने पर नागपुरी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से भारतीय एथलेटिक्स की सेवा कर रहा हूं।'' एएफआई अधिकारियों ने भी यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि यह नाडा से जुड़ा मामला है और उसे ही इससे निपटना है। यह पहली बार नहीं है कि किसी एथलेटिक्स कोच को डोपिंग से संबंधित अपराधों के लिए दंडित किया गया है।

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