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बेटे चिंता मत करै, इबकै तन्नै कोई नहीं हरा सकता, हम लड़ांगे तैरा लेक्शन...

09:02 AM Apr 17, 2024 IST
रोहतक के गांव सांघी में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा का स्वागत करते ग्रामीण। -निस
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रोहतक, 16 अप्रैल (निस)
अपने पैतृक गांव सांघी पहुंचे कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के स्वागत में पूरा गांव उमड़ पड़ा और ग्रामीणों ने कहा- बेटे तन्नै चिंता करण की कोन्या जरूरत, तैरा लेक्शन इबकै हम लड़ांगे, पूरा भाईचारा तैरे साथ खड़ा सै। इस दौरान सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ग्रामीणों से आशीर्वाद लिया और कहा कि इब तैम संभाल ल्यो। गांव में पहंुचने पर सांसद को ग्रामीणों ने 36 बिरादरी की तरफ से पगड़ी भेंट की और जीत का आशीर्वाद दिया।
मंगलवार शाम को जैसे ही सांसद दीपेंद्र हुड्डा अपने पैतृक गांव सांधी पहुंचे तो वहां पर अलग ही नजारा था। ग्रामीणों ने दीपेंद्र हुड्डा को आश्वस्त किया कि जीत के लिए दिन-रात एक कर देंगे। उनकी माता आशा हुड्डा ने भी ज्वाला माता मंदिर पहंुचकर पूजा अर्चना की, इस दौरान काफी संख्या में महिलाओं ने आशा हुड्डा के साथ सत्संग सुना।
वहीं सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रम को रद्द करने पर भाजपा की कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर होने वाले कार्यक्रम को रद्द करके भाजपा सरकार ने एकबार फिर अपनी बाबा साहेब, संविधान व लोकतंत्र विरोधी सोच का प्रमाण दिया है।
वाल्मीकि छात्र महासभा, एकलव्य छात्र संगठन, अंबेडकर छात्र मोर्चा, सीवाईएसएस और एनएसयूआई ने संयुक्त रूप से ये छात्र सम्मेलन बुलाया था। सम्मेलन में सभी बाबा साहब के जीवन, देश के प्रति उनके योगदान और संवैधानिक मूल्यों पर चर्चा करना चाहते थे। इसके लिए बाकायदा पहले प्रशासन द्वारा मंजूरी दी गई। लेकिन ऐन मौके पर उस मंजूरी को रद्द कर दिया गया। मंगलवार को विभिन्न संगठनों द्वारा एमडीयू में सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कार्यक्रम रखा गया था, जिसे एमडीयू प्रशासन ने रद्द कर दिया। एमडीयू पहंुचे सांसद दीपेंद्र हुड्डा छात्रों से मुलाकात की और पत्रकारों से भी मुखातिब हुए।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि यह सीधे तौर पर संविधान द्वारा नागरिकों के दिए गए अधिकारों की उल्लंघना है। भाजपा के इशारे पर प्रशासन ने यह हरकत करके टकराव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की। लेकिन कांग्रेस और तमाम छात्र संगठनों ने शांति, संविधान और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का प्रदर्शन किया।

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