खेल के मैदान में डॉक्टरों की धमक, पुरानी यादों का मनाया जश्न
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 27 अक्तूबर
पीजीआई के पूर्व छात्र सम्मेलन 2024 का अंतिम दिन एक उत्सव के रूप में समाप्त हुआ, जिसमें डॉक्टरों ने खेलों के मैदान पर अपनी अद्वितीय प्रतिभा का लोहा मनवाया। जैसे ही सूर्य अस्त हुआ, पीजीआई परिसर में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। यह आयोजन न केवल पुराने दिनों की याद दिलाने वाला था, बल्कि भविष्य में फिर से मिलने का एक संकल्प भी था।
इस दिन आयोजित खेल गतिविधियां पूर्व छात्रों के लिए एकजुटता का प्रतीक बनीं। क्रिकेट मैच ने जोश और दोस्ताना प्रतिस्पर्धा का रंग भरा, वहीं शतरंज की बौद्धिक चुनौतियों ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया। बैडमिंटन कोर्ट पर हंसी-खुशी का माहौल था, जहां कई डॉक्टर, जो दशकों बाद खेल रहे थे, ने पुरानी मित्रता को फिर से जीवित किया। टेबल टेनिस के मुकाबले ने सामुदायिक भावना को और भी मज़बूत किया।
पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने कहा कि यह कार्यक्रम अतीत को स्मरण करने का नहीं, बल्कि भविष्य में जुड़े रहने का वादा है। आज हम विदाई दे रहे हैं, लेकिन यह विदाई नहीं है। हम अपनी यात्रा का जश्न मनाते हैं और एक-दूसरे का समर्थन करते रहेंगे, चाहे जीवन हमें कहीं भी ले जाए।
एक विशेष क्षण तब आया जब प्रोफेसर जीडी पुरी, पूर्व डीन (अकादमिक) ने ज़ाकिर हॉल के बैडमिंटन कोर्ट से अपनी यादें साझा कीं, जहां उन्होंने 30 साल पहले खेला था। उनके विचारों ने उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि कैंपस जीवन के अनुभव कितने गहरे होते हैं। प्रोफेसर साधना लाल ने भी एक पुराने दोस्त के साथ बैडमिंटन खेलते हुए प्रतिस्पर्धात्मकता का परिचय दिया, जिसने 20 साल पुरानी यादों को ताज़ा कर दिया।
विदाई नहीं, एक नयी शुरुआत
जब पूर्व छात्र विदाई लेते हुए पुनर्मिलन का वादा कर रहे थे, वहां आंसू और मुस्कानें दोनों थीं। यह स्पष्ट था कि यह अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत थी। अगले दो वर्षों में होने वाले कार्यक्रम की योजनाएं पहले से ही निर्धारित हो चुकी थीं, और इस विशेष सप्ताहांत के दौरान बने संबंध निश्चित रूप से और मजबूत होंगे। पूरे समारोह में एक अंतिम भावना गूंज उठी कि फिर मिलेंगे।