डॉक्टरों को खुद लगानी पड़ी आवाज, सर्जरियों पर लगी ब्रेक
चंडीगढ़, 11 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
पीजीआई चंडीगढ़ के 1600 अस्पताल अटेंडेंट्स अपने बढ़े हुए वेतन और एरियर के भुगतान की मांग को लेकर शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे, जिससे अस्पताल की व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गईं। वार्ड, ओटी, और ओपीडी की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं, जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। अटेंडेंट्स का कहना है कि पिछले आठ महीनों से उन्हें एरियर और वेतन वृद्धि का भुगतान नहीं किया गया है।पीजीआई कॉन्ट्रेक्ट अटेंडेंट्स यूनियन के प्रधान राजेश चौहान के अनुसार, कर्मचारियों को कई बार आश्वासन देने के बावजूद पीजीआई प्रशासन वित्तीय संकट का हवाला देकर भुगतान करने में असमर्थ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि दीपावली नजदीक होने के बावजूद उनका वेतन नहीं बढ़ाया गया, जिससे उन्हें मजबूरन हड़ताल पर उतरना पड़ा। हड़ताल के कारण अस्पताल के बाहर मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। मरीजों को बुलाने के लिए डाक्टरों को खुद ही आवाज लगानी पड़ी। पीजीआई प्रशासन ने कुछ वॉलंटियर्स और सारथी प्रोजेक्ट के तहत कॉलेज के बच्चों को काम पर लगाया, लेकिन इससे मरीजों की समस्याओं में कोई खास कमी नहीं आई।
मरीज होते रहे परेशान
अटेंडेंट्स की अनुपस्थिति के कारण ओपीडी में डॉक्टरों को खुद आवाज लगाकर मरीजों को बुलाना पड़ा, जो आमतौर पर अटेंडेंट्स का काम होता है। रिपोर्ट काउंटर और जांच काउंटर पर अटेंडेंट्स के न होने से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई मरीज, जिन्हें शुक्रवार के लिए सर्जरी की तारीख मिली थी, सर्जरी रद्द होने के कारण निराश होकर वापस लौट गए।
पता नहीं अब कब नई तिथि मिलेगी
पंजाब से आए एक मरीज के तीमारदार अमित कुमार ने हड़ताल पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस हड़ताल से मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है। यह मामला पीजीआई और उसके स्टाफ के बीच का है, जिसे जल्द हल किया जाना चाहिए। हमारी सर्जरी रद्द हो गई है और अब नया समय कब मिलेगा, कोई नहीं जानता। एक अन्य मरीज ने कहा कि वह दूर से इलाज कराने आया था, लेकिन यहां की स्थिति देखकर निराशा हो रही है। हड़ताल के चलते रिपोर्ट लेने में घंटों लग गए और अब सर्जरी भी टल गई।
वहीं पीजीआई कॉन्ट्रेक्ट अटेंडेंट्स यूनियन के प्रधान राजेश चौहान और ऑल कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह ने बताया कि लगभग 20 दिन पहले ही प्रशासन को चेतावनी दी गई थी कि अगर 10 अक्तूबर तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे।
पीजीआई प्रशासन ने ये उठाए थे कदम
पीजीआई प्रशासन ने इलेक्टिव सर्जरी को रद्द कर दिया है और अन्य राज्यों से मरीजों को रेफर न करने की अपील की है। आवश्यक सेवाओं को जारी रखने के लिए आकस्मिक योजना सक्रिय की गई है। इसके बावजूद, विभिन्न राज्यों से आए मरीजों को सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
7,367 मरीजों की जांच की
पीजीआई प्रशासन ने बताया कि हड़ताल के बीच चुनौतियों के बावजूद, संस्थान ने विभिन्न आउट पेशेंट विभागों (ओपीडी) में 7,367 मरीजों का परीक्षण सफलतापूर्वक किया। दशहरा के लिए 12 और 13 अक्तूबर को रविवार के कारण ओपीडी अगले दो दिनों के लिए बंद रहेंगी।