डाक्टरों की हड़ताल ओपीडी में इंतजार के बाद लौटे मरीज
चरखी दादरी, 27 दिसंबर (हप्र)
चरखी दादरी में हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के 17 राजकीय स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात 60 चिकित्सक हड़ताल पर रहे। इस कारण ओपीडी नहीं चली। सिविल अस्पताल, मातृ-शिशु अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं भी पूर्ण रूप से प्रभावित रहीं। हालांकि हड़ताल के बावजूद इमरजेंसी केस अटेंड किए गये। वहीं, चिकित्सकों की हड़ताल के चलते जिले में 1500 से अधिक मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। इस दौरान चिकित्सकों ने जहां मांगें पूरी नहीं होने पर 29 दिसंबर से एमरजेंसी सेवाएं भी बंद करने की दी चेतावनी वहीं आर-पार की लड़ाई का ऐलान भी किया। चिकित्सकों के कक्ष खाली पड़े रहे और बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही।
अस्पताल पहुंचे मरीज गौरीशंकर, सविता, पुष्पा देवी, रजनी ने बताया कि डाक्टरों की हड़ताल का खमियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है। वे दूर-दूर से इलाज के लिए पहुंचे लेकिन कोई डाक्टर न होने से लौटना पड़ रहा है। एचसीएमएस के जिला प्रधान राजीव बेनीवाल ने कहा कि सरकार उनकी प्रमुख मांगों को स्वीकार करे। अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 29 दिसंबर को इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी। इस अवसर पर डिप्टी सीएमओ आशीष मान, डा. नरेंद्र कुमार, संदीप सहित अनेक चिकित्सक उपस्थित रहे।
कनीना अस्पताल में मरीज़ हुए परेशान
कनीना (निस) : चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से बुधवार को एमरजेंसी को छोड़कर सामान्य ओपीडी बंद रही। इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ठंड में बुखार, खांसी व जुकाम के मरीज बढ़ रहे हैं और यहां प्रतिदिन करीब 200 से 300 ओपीडी होती है। उधर, चिकित्सकों ने कहा कि उनकी मागों को नहीं माना गया तो यूनियन के निर्देश पर हड़ताल को जारी रखा जा सकता है।
भुक्कल ने किया डाक्टरों का समर्थन
झज्जर (हप्र) : अन्य विभागों की तरह प्रदेश कमेटी के आह्वान पर बुधवार को झज्जर जिले के डॉक्टर हड़ताल पर रहे। आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर चिकित्सकों ने ओपीडी की अपनी सेवाएं बंद रखीं। इस दौरान डॉक्टरों ने सरकार पर उनकी मांगें पूरी न करने का आरोप लगाकर शोषण करने और उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया। डॉक्टरों का कहना था कि उनकी मांगों को लेकर सरकार व प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पूरी तरह से परिचित हैं लेकिन पता नहीं क्यों वह उनकी मांगों को पूरा करने के लिए आनाकानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट एसएमओ की भर्ती पर रोक लगनी चाहिए। डॉक्टरों की हड़ताल का मौके पर पहुंच कर प्रदेश की पूर्व शिक्षा मंत्री और झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने समर्थन भी किया।
सफ़ीदों में 4 एएमओ ने देखे मरीज
सफ़ीदों (निस) : हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत इस वर्ग के चिकित्सक बुधवार को हड़ताल पर रहे। इस दौरान सफ़ीदों के सिविल अस्पताल में चार एएमओ ने रोगियों की जांच कर उपचार दिया। यहां के हड़ताली डाक्टर प्रतीक गोरा ने बताया कि नागरिक अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती करने, जनसंख्या के हिसाब से चिकित्सकों के पद बढ़ाने, एसीपी का चार बार लाभ देने की उनकी मांगों पर सरकार ने गौर नहीं किया जिसके कारण रोषस्वरूप हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो इमरजेंसी की सेवाएं भी 29 दिसम्बर को बंद हो सकती हैं जिसके लिए अभी तक एसोसिएशन से सन्देश नहीं मिला है।
सेवाएं रही बंद, मरीज परेशान
नारनौल (हप्र) : स्थानीय नागरिक अस्पताल और जिला के अन्य सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों ने हड़ताल रखी, जिसके कारण नागरिक अस्पताल में ओपीडी पूरी तरह बंद रही तथा इमरजेंसी सेवाएं चालू रही। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिला भर में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई। एचसीएमएस के जिला प्रधान डा. अनिल यादव ने बताया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
नर्सिंग अधिकारी अपनी मांगों को लेकर रखेंगी 2 घंटे तक हड़ताल
सोनीपत (हप्र) : स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों के लिए अलग से कैडर बनाने समेत अन्य मांग कर रहे चिकित्सक मांगें पूरी न होने पर बुधवार को हड़ताल पर रहे। इससे जिला नागरिक अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में ओपीडी बंद रही। मरीज इलाज के लिए ओपीडी खुलने का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। उन्हें इलाज कराए बिना वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा। चिकित्सकों ने चेतावनी दी कि यदि मांगों का समाधान नहीं हुआ तो 29 दिसंबर से सभी सेवाएं बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
वहीं, नागरिक अस्पताल समेत सभी सरकारी अस्पतालों में 28 दिसंबर को नर्सिंग अधिकारी अपनी मांगों को लेकर दो घंटे तक हड़ताल रखेंगी। सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक उनकी हड़ताल रहेगी। इस दौरान एमरजेंसी व प्रसूति वार्ड में अपनी सेवाएं निरंतर जारी रखेंगी। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. राहुल आंतिल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों के लिए अलग से कैडर बनाने की मांग की जा रही है। इसको सीएम की घोषणा में शामिल किया गया था। दो साल बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। इससे पहले 9 दिसंबर को चिकित्सकों ने दो घंटे की पेन डाउन हड़ताल की थी। इस दौरान डॉ. राजेश सिंघल, डॉ. विकास चहल, डॉ. राशि, डॉ. सीमा, डॉ. प्रिया, डॉ. लतिका, डॉ. संदीप शर्मा, डॉ. मंजीत राठी समेत अन्य चिकित्सक मौजूद रहे। जिले में विभाग के पास 179 एमबीबीएस चिकित्सक हैं। सरकारी अस्पतालों के 37 चिकित्सकों ने हड़ताल रखी, इनमें जिला अस्पताल के 20 चिकित्सक शामिल रहे।
कई चिकित्सकों ने हाजिरी लगाई थी। हालांकि देखने में आया कि ओपीडी नहीं खोली गई। उनकी पहचान कर उच्च अधिकारियों को वेतन कटौती की सिफारिश की जाएगी। हड़ताल का एमरजेंसी सेवाओं पर नहीं पड़ा। एमरजेंसी वार्ड में मरीजों की जांच की जा रही थी।
-डॉ. लोकवीर, प्रधान चिकित्सक अधिकारी
अस्पताल के कमरों में भटकते रहे मरीज
जींद/जुलाना (हप्र) : रेफरल अस्पताल के नाम से मशहूर जींद के नागरिक अस्पताल में बुधवार को मरीजों को अच्छी खास परेशानी का सामना करना पड़ा। अस्पताल के डॉक्टर हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर दिनभर हड़ताल पर रहे और मरीज उपचार के लिए उनके कमरों में भटकते रहे। सर्दी के चलते बीमार हुए कई छोटे बच्चे परिजनों की गोद में बिलखते हुए नजर आये। आखिरकार मरीजों को बिना जांच और दवा के निराश होकर वापस लौटना पड़ा। शहर के ओमनगर निवासी सुशीला अपने छोटे बच्चे को लेकर अस्पताल आई हुई थी। उसने बताया कि उसका बेटा ठंड लगने के कारण बीमार है। लेकिन यहां उपचार के लिए आज कोई डॉक्टर नहीं मिल रहा। प्राइवेट डॉक्टर से इलाज करवाना उनके सामर्थ्य से बाहर है। पटियाला चौक निवासी पूजा भी अपने बेटे के इलाज के लिए डॉक्टरों के इंतजार में कमरे के बाहर खड़ी रही। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर जिलाभर के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक बुधवार को हड़ताल पर रहे। इस दौरान एसोसिएशन ने इमरजेंसी और पोस्टमार्टम की सुविधाएं सुचारू रखीं। एचसीएमए एसोसिएशन के जिला प्रधान डा. बिजेंद्र ढांडा, डा. संदीप लोहान, डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, डा. देवेंद्र कुमार बिंदलिश ने बताया कि सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। सिवाए आश्वासनों के उन्हें कुछ हासिल नहीं हो रहा है। डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग तथा अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन मांगों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
‘मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन होगा तेज’
रोहतक (निस) : एचसी एमएस के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए, जिससे चलते ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई और मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने साफ कहा है कि मजबूरन उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा, पहले उन्होंने काले बिल्ले लगाकर काम किया, पर पेन डाउन स्ट्राइक की, लेकिन सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी और जिसके चलते उन्हें अब हड़ताल पर जाना पड़ा। साथ ही एसोसिएशन ने कहा कि अगर मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वह आंदोलन में तेज कर देंगे। मरीजों का कहना था कि हड़ताल के चलते उन्हें इलाज नहीं मिल पाया। हालांकि डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं नियमित दिनों की तरह चलती रहीं, लेकिन डॉक्टरों की ओपीडी नहीं चली। बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल, 8 सीएचसी व 25 पीएचसी में हड़ताल रही। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. विश्वजीत राठी ने कहा कि मजबूरन हड़ताल करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल, 8 सीएचसी व एसडीएच तथा 25 पीएचसी हैं। प्रत्येक पीएचसी में प्रतिदिन करीब 50, सीएचसी में हड़ताल रही।