चिकित्सक संगठनों ने कैंडल मार्च निकाल जताया विरोध
चरखी दादरी, 21 अगस्त (हप्र)
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, नीमा, इंडियन डेंटल एसोसिएशन, स्टाफ नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने जिला नागरिक अस्पताल से रोजगार्डन तक कैंडल मार्च निकाला। चिकित्सकों के संगठनों ने फैसला लिया है कि वे 22 अगस्त तक कैंडल मार्च निकालेंगे।
चिकित्सकों ने देशभर के चिकित्सकों की मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें केंद्र और राज्य स्तर पर चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने, अस्पतालों, स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने, कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ दरिंदगी के मामले में आरोपियों पर फास्ट ट्रैक आधार पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करने, सजा दिलवाने की मांगें शामिल हैं।
इस अवसर पर डा. राजीव बेनीवाल, डा. योगेंद्र देशवाल, डा. अनुपम गोयल, डा. आशीष मान, डा. रवि सहरावत, डा. सोनल, डा. बिंदु, डा. वरुण मित्तल, डा. प्रवेश, डा. राहुल अरोड़ा, डा. शिवम, डा. अमित डाला, डा. राजेश वर्मा, डा. अजय, डा. जयंत, डा. कमल, डा. सुनील, डा. दीपक गुप्ता, डा. नरेंद्र सिंहमार, स्टाफ नर्स सुनील, राजेश, संतरा, नीतू, अंगूरी इत्यादि मौजूद रहे।
पीजीआई में दसवें दिन भी जारी रही हड़ताल
रोहतक (हप्र) : कोलकाता कांड के खिलाफ पीजीआईएमएस रोहतक में हड़ताल जारी है। धरने के 10वें दिन भी रेजिडेंट डॉक्टर, पीजीआईएमएस व पीजीआईडीएस इंटर्न्स व विद्यार्थी एकजुट होकर धरनास्थल पर डटे रहे। पीजीआईएम के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोधस्वरूप डीन पार्क में ओपीडी लगाई। उन्होंने कहा कि जब ओपीडी में सुरक्षा नहीं है तो डॉक्टरों ने बाहर ओपीडी का इंतजाम किया। रेजिडेंट डॉक्टरों ने यूजी को संबोधित करते हुए कहा कि इस बड़े अन्याय के खिलाफ सबका खड़ा होना महत्वपूर्ण है। इतनी भारी संख्या में पूरे पीजीआई का एक साथ एकत्रित होना यह दर्शाता है कि बिना न्याय के यह धरना किसी भी प्रकार खत्म नहीं होगा व जब तक सभी स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है। वहीं, पीजीआईएमएस रोहतक में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल हैं। हड़ताल के चलते मरीजों के गंभीर ऑपरेशन भी नहीं हो पा रहे। आचार संहिता लगने से पहले करीब 10 दिन नर्सों की हड़ताल रही और अब रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर है, जिससे मरीज परेशान हैं।