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सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल, भटकते रहे मरीज

07:46 AM Jul 26, 2024 IST
गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में बृहस्पतिवार को डॉक्टरों की बाट जोहते मरीज। -हप्र

गुरुग्राम, 25 जुलाई (हप्र)
सरकारी अस्पताल में भले ही सुविधा नहीं होती फिर भी आम आदमी अपना इलाज कराने का पूरा भरोसा रखता है और इसी उम्मीद में भारी भीड़ रहती है। आज जब डॉक्टरों की हड़ताल रही तो जिला नागरिक अस्पताल में बड़ी संख्या में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। अपनी मांगों को लेकर बृहस्पतिवार को डॉक्टर्स ने हड़ताल की। इंटर्न और रिटायर्ड डॉक्टर्स ने ही मरीजों को देखा। इनकी कम संख्या होने के चलते मरीजों को काफी परेशानी हुई।
ओपीडी के समय सुबह आठ बजे से ही मरीज सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल में पहुंचने लगे थे। ओपीडी कार्ड, ओपीडी व दवाईयों के लिए कई घंटे तक मरीज भटकते रहे। अस्पताल में जहां रोजाना तीन हजार तक ओपीडी में मरीज पहुंचते थे। बृहस्पतिवार को हड़ताल के कारण 1582 मरीजों के ही ओपीडी कार्ड बने। बहुत से मरीज वापस ही लौट गए।
जिला के गुरुग्राम, सोहना, पटौदी व फर्रूखनगर के अस्पतालों के अलावा सभी पीएचसी में करीब 175 डॉक्टर्स हैं, जिनमें से 160 डाक्टर्स हड़ताल पर रहे। 15 डॉक्टर्स सीएमओ ऑफिस पर रहे। वे हड़ताल में शामिल नहीं हुए।
होडल (निस) : होडल के सरकारी अस्पताल के डाक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण अस्प्ताल में अपना इलाज कराने आने वाले नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। हांलाकि अस्थाई रूप से होडल के सरकारी अस्पताल में अन्य डाक्टरों को नियुक्त किया गया था। उसके बावजूद होडल के सरकारी अस्प्ताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई।
‘एनएचएम के डॉक्टरों की स्पेशल ड्यूटियां तय’
जींद(जुलाना) (हप्र) : जींद नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों ने अपनी मांगोंं को लेकर बृहस्पतिवार को हड़ताल शुरू कर दी। इससे अस्तपाल में चिकित्सा सेवाएं काफी प्रभावित हुई। एसोसिएशन के जिला प्रधान डा. बिजेंद्र ढांडा ने कहा कि सरकार और एचसीएमएस एसोसिएशन के बीच आपसी सहमति के बाद डाक्टरों ने छह महीने पहले अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था, लेकिन आज तक भी मानी गई मांगें पूरी नहीं हो पाई हैं। उधर, जींद के सिविल सर्जन डा.गोपाल गोयल का कहना था कि एनएचएम के डॉक्टरों की स्पेशल ड्यूटियां तय की गई, जिसके चलते हड़ताल को कोई खास असर नहीं रहा। जिलाभर के सभी सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से जारी रही हैं।
नर्सों ने काले बिल्ले लगाकर की सांकेतिक हड़ताल
झज्जर (हप्र) : नर्सों का सरकार के खिलाफ विराेध तीसरे दिन भी जारी रहा। स्टाफ नर्सों ने बृहस्पतिवार को भी सरकारी अस्पताल में काले बिल्ले लगाकर सरकार का विरोध जताया। नर्सों ने दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की। इस दौरान स्टाफ नर्सों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की तो वे बड़ा आंदोलन और अनिश्चितकालीन हड़ताल भी कर सकती हैं।

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सोनीपत में 137 में से 61 चिकित्सक हड़ताल पर

सोनीपत (हप्र) : सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की हड़ताल के पहले दिन ही बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी असर दिखाई दिया। जिले में सेवारत 137 में से 61 चिकित्सक हड़ताल पर रहे। जिसके चलते मरीजों को खासी परेशानी हुई। पहले ही प्रस्तावित हड़ताल के चलते सीएचसी व पीएचसी में अधिकतर ओपीडी बंद रही। एनएचएम चिकित्सकों व सीनियर चिकित्सकों ने अपनी ओपीडी जारी रखी। जिला अस्पताल में नेत्र रोग, हड्डी रोग, ईएनटी व चर्म रोग की ओपीडी बंद रही। वहीं तंबाकू निषेध केंद्र में तैनात चिकित्सक भी हड़ताल में शामिल रहे। वहीं, जिला नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए तीन शव रखे गए थे। सुबह के समय गांव राई के लोगों की ओर से रोष जताने के बाद चिकित्सक ने एक युवक के शव का पोस्टमार्टम किया गया। बाकी दो शवों को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज, खानपुर कां भेज दिया गया।

डाक्टरों की कुर्सी खाली, भटकते रहे मरीज

नारनौल के नागरिक अस्पताल में हड़ताल के दौरान खाली पड़ी चिकित्सक की कुर्सी। -हप्र

नारनौल (हप्र) : विभिन्न मांगों को लेकर आज स्थानीय नागरिक अस्पताल के चिकित्सक हड़ताल पर रहे जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई। इससे लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान चिकित्सकों ने अस्पताल परिसर में नारेबाजी भी की। डॉक्टरों की हड़ताल के साथ-साथ आज नर्सिंग स्टाफ भी हड़ताल पर रहा। हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के जिला प्रधान अनिल यादव ने बताया कि उनकी कुछ मांगे हैं। इन मांगों पर सरकार विचार नहीं कर रही है। इसके चलते उन्होंने हड़ताल की है। दूसरी ओर हड़ताल के कारण अस्पताल में आए हुए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अस्पताल में मरीज इलाज के लिए भटकते ही रहे। इस बारे में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सर्वजीत थापर ने बताया कि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए उन्होंने 14 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई हुई है। कैजुअल्टी देखी जा रही है तथा ओपीडी भी शुरू कर दी गई है।

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सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

नारनौंद (निस) : नारनौंद में नर्सिंग स्टाफ द्वारा दो घंटे की हड़ताल की गई। इसमें पेन डाउन हड़ताल की गई। सभी नर्सिंग ऑफिसर ने बढ़चढ़ कर इसमें भाग लिया व सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर सरकार को चेताने का काम किया। नर्सिंग ऑफिसर ममता रानी ने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि हमें केंद्र की तर्ज पर 7200 नर्सिंग अलाउंस दिया जाए। ग्रुप सी से ग्रुप बी में शामिल किया जाए। नर्सिंग डिप्टी डायरेक्टर के पद को पदोन्नति के आधार पर भरा जाए।

भिवानी में मिला-जुला रहा असर

भिवानी में बृहस्पतिवार को अस्पताल का जायजा लेते मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रघुबीर शांडिल्य। - हप्र

भिवानी (हप्र) : भिवानी के चौधरी बंसीलाल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा हड़ताल पर गए चिकिसकों की जगह अन्य चिकिसकों को ओपीडी में बैठाया गया जिसके चलते हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिला। वैकल्पिक चिकित्सकों के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जो मरीज पहले से दूसरे चिकित्सकों से ईलाज करवा रहे उनके लिए नयों से इलाज करवाना संभव नहीं हो पा रहा था। सिविल सर्जन ने बताया कि आज हड़ताल के चलते उनकी जगह सभी ओपीडी में अन्य चिकित्सकों की व्यवस्था की है, जिसके चलते व्यवस्थाएं सुचारू हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने किये व्यापक प्रबंध

चरखी दादरी (हप्र) : अपनी लंबित मांगों को लेकर बृहस्पतिवार को दादरी के सिविल अस्पताल सहित जिलेभर के सरकारी अस्पतालों के इमरजेंसी और ओपीडी के डॉक्टर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) के आह्वान पर की गई हड़ताल को लेकर जहां स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में एडजस्ट कर ओपीडी शुरू की हैं वहीं मरीजों का चैकअप जारी रहा। एजसीएमएस के जिला प्रधान राजीव बेनीवाल ने दावा किया कि सभी डाक्टर हड़ताल पर हैं और स्वास्थ्य सेवाओं पर खासा असर पड़ा है। साथ ही अस्पतालों में विभाग द्वारा एडजेस्ट कर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और कहा कि स्पेशलिस्टों की बजाय कंपाउडरों द्वारा स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।

पीजीआई, सिविल अस्पताल में चरमरायी स्वास्थ्य सेवाएं

रोहतक के पीजीआई में बृहस्पतिवार को हड़ताल के दौरान नारेबाजी करतीं स्टाफ नर्स। -निस

रोहतक (निस) : पीजीआईएमएस में नर्सिंग स्टाफ व सिविल अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सकों ने सरकार पर मांगों की अनदेखी के विरोध में बृहस्पतिवार को हड़ताल शुरू कर दी। चिकित्सकों व नर्सिंग स्टॉफ के हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई। साथ ही मरीजों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालाकि सामान्य अस्पताल में चिकित्सकों के हड़ताल पर होने के चलते जूनियर डाक्टरों ने मोर्चा संभाला। सिविल सर्जन अधिकारी का कहना है कि मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। पीजीआई में नर्सिग स्टॉफ ने सुबह नौ बजे से 11 बजे तक सांकेतिक हड़ताल कर सरकार को चेताया कि अगर जल्द उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो नर्सिंग स्टॉफ अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल करने पर मजबूर होगा।

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