Micro Lithium Coin-खेल में निगल गया बैटरी, मुश्किल से बची मासूम की जान
गुरुग्राम, 7 दिसंबर (हप्र) : आरवी हेल्थकेयर के प्रसिद्ध गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट ने तीन वर्षीय बच्चे के गले में फंसी माइक्रो लिथियम कॉइन बैटरी (Micro Lithium Coin Battery) निकालकर सफल सर्जरी को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन महत्वपूर्ण दो घंटे की समय सीमा के भीतर किया गया। इस दौरान भोजन नली से बैटरी निकाल लेने से, एक घातक रासायनिक प्रतिक्रिया को रोक जा सका। डॉक्टरों की इस कामयाबी से बच्चे की जान बचायी जा सकी।
गैजेट से खेल रहा था बालक
यह बैटरी बच्चे की भोजन नली में तब फंसी जब उसने एक गैजेट के साथ खेलते हुए गलती से इसे निगल लिया। देर रात बच्चे को अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में लाया गया और नाइट ड्यूटी पर तैनात गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट ने तुरंत स्थिति का आकलन कर बच्चे को ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर एंडोस्कोपिक प्रक्रिया के जरिए बैटरी को निकली। इस प्रक्रिया से भोजन की नली को और अधिक नुकसान होने से बचा लिया गया।
दो घंटे गले में फंसी रही Micro Lithium Coin Battery
हालांकि, केवल दो घंटे में ही बैटरी ने भोजन की नली को काफी नुकसान पहुंचा दिया था, लेकिन डॉक्टर की कुशलता और समय पर की गई कार्रवाई ने भोजन नली को और नुकसान होने से बचा लिया। विशेषज्ञों ने बताया कि अगर Micro Lithium Coin Battery अधिक समय तक फंसी रहती, तो रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण गंभीर जानलेवा स्थिति का खतरा हो सकता था।
Micro Lithium Coin Battery को बच्चों से रखें दूर
अस्पताल ने एक सलाह जारी करते हुए अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे बच्चों पर सतर्कता बनाए रखें और कॉइन बैटरी जैसी छोटी वस्तुओं को उनकी पहुंच से दूर रखें। सलाह में कहा गया है, 'यदि कोई बच्चा गलती से ऐसी वस्तु निगल ले, तो उसे कुछ भी खाने-पीने को न दें, क्योंकि इससे आगे रासायनिक प्रतिक्रिया और सांस सम्बंधित समस्याएं हो सकती हैं। '
Kolkata Doctor Case: पश्चिम बंगाल में फिर चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, जूनियर डाक्टरों ने किया काम बंद
डॉक्टरों की सलाह
ऐसा होने पर बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं, जहां एंडोस्कोपिक सुविधा उपलब्ध हो। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समय पर हस्तक्षेप और सतर्कता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह घटना बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाती है।