हिमाचल में चिकित्सक-रोगी अनुपात विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार नहीं
शिमला, 25 फरवरी (हप्र)
स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में भले ही हिमाचल देश के शीर्ष राज्यों में से एक है लेकिन इसके बावजूद राज्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के मानकों के मुताबिक चिकित्सक-रोगी अनुपात नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जहां प्रति एक हजार आबादी पर एक चिकित्सक की तैनाती के मानक तय किए हैं, वहीं हिमाचल में 3 हजार से अधिक की आबादी पर एक चिकित्सक तैनात है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक प्रदेश में चिकित्सक रोगी अनुपात को पूरा करने के लिए राज्य में डॉक्टरों की काडर संख्या बढ़ाने की दरकार है।
हिमाचल की आबादी करीब 80 लाख है। 80 लाख की आबादी पर प्रदेश में 2677 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इस तरह प्रति हजार आबादी पर चिकित्सकों का अनुपात 0.33 है।
यानी करीब 3000 लोगों पर एक डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध है। हिमाचल प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना व सालाना वृद्धि के आधार पर राज्य की आबादी का अनुमान लगाया गया है। ये अनुमानित आबादी 8016691 है।
भरमौर के भाजपा विधायक डॉ. जनक राज ने विधानसभा में चिकित्सक-रोगी अनुपात का मुद्दा उठाया था। इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश में कुल 2677 डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर निर्धारित किया है। हिमाचल में इस समय 3000 लोगों पर एक डॉक्टर उपलब्ध है।
हिमाचल में जिला शिमला में सबसे अधिक डॉक्टर हैं। जिला शिमला में 735 डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। आबादी के अनुपात में सबसे कम डॉक्टर जिला ऊना में हैं। यहां 118 डॉक्टर हैं जबकि अनुमानित जनसंख्या 630650 है।
जिला बिलासपुर में डॉक्टरों की संख्या 98, चंबा में 129, हमीरपुर जिले में 152, किन्नौर में 62, कुल्लू में 110, सिरमौर जिले में 144 व सोलन जिले में 187 डॉक्टर हैं। प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में 539 व मंडी में 356 डॉक्टर हैं। लाहौल-स्पीति में महज 29 हजार से कुछ अधिक की आबादी है। इस आबादी के लिए 47 डॉक्टर हैं।
देश चिकित्सक-रोगी अनुपात के मामले में तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, गोवा तथा पंजाब पहले 5 स्थानों पर हैं। इन पांचों राज्यों में एक हजार से कम आबादी पर एक चिकित्सक तैनात है।
जानकारी के मुताबिक झारखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार तथा हिमाचल देश के उन राज्यों में शुमार हैं जहां चिकित्सकों की तैनाती न सिर्फ विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से कम है, बल्कि देश में भी आबादी के हिसाब के कम है।
एक साल में डॉक्टरों के 34 नए पद सृजित
स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल के अनुसार एक साल में राज्य में डॉक्टरों के 34 नए पद सृजित किए गए। इनमें से 30 पद आईजीएमसी शिमला व चार पद सिविल अस्पताल सुजानपुर में सृजित किये गए। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार चम्बा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किलाड़, होली, भरमौर व चूड़ी में डॉक्टरों के 27 पद सृजित हैं लेकिन मात्र 13 पद ही भरे गए हैं।