मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय भूल कर भी न करें ये गलतियां

05:21 PM Jan 22, 2024 IST

फाइनेंशियल इमरजेंसी बता कर नहीं आती है। ऐसे समय पर आपकी पर्सनल लोन एप्लीकेशन एक बार में ही मंज़ूर हो उसके लिए आपको उन गलतियों के बारे में पता होना चाहिए जिनकी वजह से आपकी पर्सनल लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट हो सकती है। चलिए जानते हैं कुछ आम गलतियां जो पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय भूल कर भी नहीं करनी चाहिए:

Advertisement

अपने क्रेडिट स्कोर पर ध्यान न देना: 

बैंक और एनबीएफसी पैसा उधार देने में शामिल जोखिम को समझने के लिए क्रेडिट स्कोर की जांच करते हैं। वो उन आवेदकों को लोन देना पसंद करते है जिनका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों का लोन पर डिफ़ॉल्ट करने की संभावना कम होती है। इसलिए कम क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को पर्सनल लोन या तो मिलता नहीं है और अगर मिलता है तो उसकी ब्याज दर ज्यादा होती है।

Advertisement

क्योंकि पर्सनल लोन की ज़रूरत आपको कभी भी पड़ सकती है इसलिए आपको अपना क्रेडिट स्कोर जितना हो सके उतना अधिक रखना चाहिए। अपना क्रेडिट स्कोर चेक करने के साथ आपको अपनी क्रेडिट रिपोर्ट भी चेक कर लेनी चाहिए।  कई बार क्रेडिट रिपोर्ट में दी गई किसी भी तरह की गलत जानकारी या लोन फ्रॉड के कारण आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। अगर आपको ऐसी कोई गलती अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में नजर आती है तो तुरंत उसे सही करवा लें।

अपने मौजूदा बैंक और एनबीएफसी से संपर्क न करना

जो लोग पर्सनल लोन लेना चाह रहे हैं, उन्हें पहले उन बैंक या एनबीएफसी से संपर्क करना चाहिए, जिनमें आपका पहले से ही डिपॉज़िट, लोन या क्रेडिट कार्ड अकाउंट है। क्योंकि कई बैंक/एनबीएफसी अपने मौजूदा ग्राहकों को प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर करते है। क्योंकि प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन उनके क्रेडिट प्रोफाइल के हिसाब से दिया जाता है इसलिए उनके जल्दी मिलने की संभावना भी अधिक होती है।

अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार लोन अवधि का चुनाव न करना

बैंक/ लोन संस्थानों उन आवेदकों का पर्सनल लोन आवेदन मंजूर करते हैं जिनका ईएमआई / एनएमआई रेश्यो 50% या 55% से ज्यादा नहीं है। यह सभी बैंक/ लोन संस्थानों में अलग-अलग हो सकता है। इसके साथ ही आप अपनी मंथली इनकम के जितने प्रतिशत का उपयोग मौज़ूदा ईएमआई और लिए जा रहे लोन की ईएमआई के भुगतान में करते हैं, उतना ही आपका ईएमआई/ एनएमआई रेश्यो होता है।

क्या आप छोटी ईएमआई का भुगतान करने के लिए, लंबी अवधि का विकल्प चुनने की सोच रहें हैं? यदि हां तो आपको बता दें ऐसा करने से आपके ऊपर कर्ज का बोझ ही बढ़ सकता है क्योंकि लंबी अवधि के साथ, आपको ब्याज दर पर अधिक भुगतान करना पड़ेगा। छोटी लोन अवधि आपको अधिक ब्याज के बोझ से बचाने में मदद करती है। इसलिए लोन लेने से पहले अपनी रीपेमेंट क्षमता के अनुसार ही लोन अवधि का चुनाव करें।

 

कम समय में कई बैंक और एनबीएफसी में लोन के लिए आवेदन करना: 

बैंक/एनबीएफसी आपकी क्रेडिट योग्यता का मूल्यांकन करने के लिए क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट लेते हैं जिसे हार्ड इन्क्वारी कहते है। हार्ड-इन्क्वायरी की वजह से आपका क्रेडिट स्कोर कुछ पॉइंट से कम हो सकता है जिससे आपको पर्सनल लोन मिलने की संभावना भी कम हो सकती है। इसलिए, बैंक/ एनबीएफसी में सीधे लोन आवेदन करने के बजाय, ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेसपर जाएं। यहां आपको कई लोन ऑफर की तुलना आसानी से कर सकते हैं और लोन के लिए अप्लाई भी कर सकते है। ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस के ज़रिए लोन के लिए जब क्रेडिट रिपोर्ट चेक की जाती है तो इसे सॉफ्ट इंक्वायरी कहते है जिसका आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

तो थी कुछ गलतियां जो आमतौर पर लोग पर्सनल लोन लेते समय करते है। पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी जानकारी के लिए फ़िन-शास्त्र पर जाऐं।

Advertisement