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डीएमसी हुए पावरफुल, अब परिषद में होंगे सीईओ

12:38 PM Aug 11, 2022 IST
डीएमसी हुए पावरफुल  अब परिषद में होंगे सीईओ
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चंडीगढ़, 10 अगस्त (ट्रिन्यू)

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हरियाणा विधानसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने 4 अहम विधेयक पारित किए। प्रदेश में नियुक्त किए गए डीएमसी (जिला पालिका आयुक्त) के अधिकार बढ़ाए गए हैं। बेशक, अभी भी संबंधित जिले की नगर परिषद और नगर पालिकाएं उनके अधीन थी, लेकिन अब डीएमसी नगर परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी होंगे। इसके लिए सरकार ने हरियाणा नगर पालिका (संशोधन) विधेयक-2022 पारित किया है।

नगर परिषदों के क्षेत्रफल और जनसंख्या में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए यह बदलाव किया है। संशोधन के तहत, संबंधित मंडलायुक्त को जिला मुख्यालय की नगर परिषद के मामले में अपीलीय एवं अन्य शक्तियां सौंपी जाएंगी। इसी तरह की शक्तियां जिला नगर आयुक्त के पास हैं।

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कैग की आपत्ति को ध्यान में रखते हुए इस बदलाव में यह भी तय किया है कि प्रदेश की सभी नगर परिषदों एवं नगर पालिकाओं में व्यावसायिक लाइसेंस फीस की दरें एक समान की जाएंगी। पालिका क्षेत्रों में चर्बी पिघलाने, कच्चा चमड़ा साफ करने, हड्डियों या रक्त उबालने, साबुन के कारखाने, तेल उबालने के कारखाने, चर्मशोधन के कारखाने, ईंट-भट्ठों, मिट्टी के बर्तनों के कारखाने, भंडार या कारोबार के ऐसे स्थान, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, उन्हें चलाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। शहरों में गाय, भैंस, भेड़-बकरी, ऊंट रखने पर पाबंदी रहेगी और कुत्ते-बिल्ले, तोता पालने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी।

निकायों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने एक और फार्मूला तय किया है। तहसीलों में जमीनों की रजिस्ट्री व ट्रांसफर आदि पर लगने वाली स्टॉम्प ड्यूटी में दो प्रतिशत स्टॉम्प ड्यूटी शहरों के विकास कार्यों के लिए होगी। अभी तक यह पैसा नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं में विभिन्न स्लैब में बांटा जाता था। इसके लिए कानून में बदलाव करके सरकार ने तय किया है कि दो प्रतिशत स्टॉम्प ड्यूटी में से एक प्रतिशत संबंधित निकाय के खाते में ट्रांसफर होगी।

ट्रीटेड जल की तय होंगी दरें

प्रदेश में पानी के संकट को देखते हुए सरकार ने ट्रीटेड वाटर के इस्तेमाल पर जोर दिया है। सिंचाई के अलावा बड़ी फैक्टरियों, पावर प्लांट्स व कंस्ट्रक्शन वर्क आदि में इसका इस्तेमाल हो सकेगा। हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के नियमों में संशोधन करके सरकार ने तय किया है कि ट्रीटेड वाटर के बल्क इस्तेमाल पर दरें तय होंगी।

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