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हाईटेक चोरों की दिवाली और सोच का दिवाला

06:24 AM Apr 23, 2024 IST
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आलोक पुराणिक

पाकिस्तान में कारोबार में तकनीक का प्रयोग हो रहा है- एक पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने बताया। आगे यह पता चला कि पाकिस्तान में जूता-चप्पल चोरी के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बन गये हैं। चुराये गये ब्रांडेड जूते चप्पल सस्ती रेट में इस टाइप के व्हाट्सएप ग्रुप में मिल जाते हैं।
व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल धंधे के लिए होता है, कई लोग करते हैं। पर जिन लोगों का एकमात्र धंधा आतंक हो या फिर चोरी हो, वो व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल भी चोरी के लिए ही करेंगे।
चोरी अपने आप में ही विकट तकनीक है, पर उसमें भी तकनीक आ जाये, तो चोरी के आयाम व्यापक हो जाते हैं। चोरी में तकनीक का प्रयोग भारतीय भी बहुत कर रहे हैं। ऐसे-ऐसे फोन आ जाते हैं जिनमें कहा जाता है कि आपके मोबाइल नंबर दो घंटे के अंदर ब्लाक हो जायेंगे। आपको एक पासवर्ड मिलेगा, आप वह बता दीजिये, तो आपके मोबाइल नंबर ब्लाक होने से बच जायेंगे। इधर बंदा पासवर्ड बताता है, उधर उसका बैंक खाता साफ हो जाता है।
भारतीय चोर तकनीक का इस्तेमाल बैंक खाता साफ करने के लिए करते हैं।
भारतीय चोरों का लेवल पाकिस्तानी चोरों से बेहतर है, यह बात नहीं है। बात यह है कि महत्वाकांक्षाओं का स्तर ऊंचा होना चाहिए। परम महत्वाकांक्षी चोर और ऊपर की सोचते हैं और वो विधायक मंत्री बन जाते हैं।
व्हाट्सएप का इस्तेमाल चप्पल चोरी के लिए हो रहा है। कल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उर्फ एआई का पाकिस्तानी इस्तेमाल कुछ अलग तरह से करेंगे। पाकिस्तानी चोर एआई का इस्तेमाल करके पता लगायेंगे कि शहर में महंगे जूते चप्पल खरीदने वाले कौन लोग हैं। फिर एआई के जरिये पता लगाया जायेगा कि ये महंगे जूता-चप्पल धारी कहां-कहां जा रहे हैं। फिर चप्पल चोर वहीं पहुंच जायेंगे पहले।
तकनीक का इस्तेमाल चोर अपने हिसाब से करते हैं। बड़ी चोरी के लिए दिमाग चप्पल चोरी वाला नहीं चाहिए, हाईटेक दिमाग चाहिए। हाईटेक दिमाग भी अगर सही जगह न लगे, तो उसका लेवल डाउन हो जाता है। अभी एक रिपोर्ट आई कि इंजीनियरिंग कोर्स का छात्र सोने की चेन की झपटमारी में पकड़ा गया। पुलिस ने तफ्तीश की तो पता लगा कि उस इंजीनियरिंग छात्र की कई सारी गर्लफ्रेंड्स थीं और सबको एप्पल फोन चाहिए था। एक किसी सरकार के समाज कल्याण विभाग को गर्लफ्रेंड ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाना चाहिए, जिसमें गर्लफ्रेंड्स से निवेदन किया जाना चाहिए कि महंगे एप्पल फोनों की मांग न कीजिये। सस्ते चाईनीज फोनों से काम चला लीजिये। बताइये महंगे फोनों के चक्कर में इंजीनियर चेन स्नैचर हो रहे हैं।
इंजीनियर गर्लफ्रेंड के लिए महंगे फोन के इंतजाम में लग रहे हैं, चोर व्हाट्सएप का इस्तेमाल चप्पल चोरी के लिए कर रहे हैं। सोचने की बात यह है कि इसे तकनीक का प्रमोशन माना जाये कि तकनीक का पतन माना जाये।

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