मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

भंग कुश्ती संघ

08:32 AM Dec 25, 2023 IST

भले ही केंद्रीय खेल मंत्रालय ने हाल ही में निर्वाचित भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया हो, लेकिन लंबे समय से संघर्षरत महिला खिलाड़ियों को विश्वास दिलाना जरूरी है कि सरकार उनकी सुरक्षा व भरोसे को कायम करने के लिये कारगर कदम उठाएगी। उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव परिणाम आए थे, जिसमें संघ के पूर्व विवादित अध्यक्ष तथा भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। जिससे लंबे समय से पूर्व अध्यक्ष को हटाने के लिये आंदोलनरत महिला पहलवानों में आक्रोश व्याप्त हो गया था। खासकर, ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मालिक ने एक प्रेस वार्ता में चुनाव को लेकर रोष व्यक्त करते हुए कुश्ती को अलविदा कह दिया। उसके बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटाने की घोषणा की थी। फिर गूंगा पहलवान के नाम से चर्चित वीरेंद्र सिंह ने भी पद्मश्री लौटाने की बात कही थी। साथ ही चंद खाप-पंचायतें भी खिलाड़ियों के समर्थन में उतरती दिखीं। दरअसल, महिला पहलवानों का आरोप था कि संजय सिंह के जरिये बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती संघ पर अपना वर्चस्व बनाये रखेंगे, क्योंकि संजय सिंह उनके बिजनेस पार्टनर भी हैं। दरअसल, नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने अंडर-15 और अंडर-18 के ट्रायल उ.प्र. के गोंडा स्थित नंदिनी नगर में आयोजित करने की घोषणा की थी, जो कि बृजभूषण शरण सिंह के राजनीतिक वर्चस्व वाला क्षेत्र है। जिसके बाद उठे विवाद के उपरांत ही केंद्रीय खेल मंत्रालय ने नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया और नये अध्यक्ष द्वारा लिये फैसलों को भी रद्द कर दिया।
वहीं खेल मंत्रालय की दलील है कि भारतीय कुश्ती महासंघ को इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि निर्वाचित संस्था ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। वहीं निलंबित अध्यक्ष का कहना है कि नियमों का उल्लंघन नहीं किया है ,यदि जरूरत पड़ी तो कोर्ट जाएंगे। दूसरी ओर बृजभूषण शरण सिंह की दलील है कि वे कुश्ती संघ से संन्यास ले चुके हैं और लोकसभा चुनाव की तैयारी में व्यस्त हैं। दूसरी तरफ साक्षी मलिक का कहना है कि उसकी लड़ाई एक व्यक्ति से थी, सरकार से नहीं। लेकिन सरकार को वादे के अनुसार विवादित पूर्व अध्यक्ष के करीबियों को संघ में आने से रोकना चाहिए था। संन्यास के फैसले पर उन्होंने कहा कि वे अपने फैसले से मीडिया को अवगत कराएंगी। वहीं कांग्रेस इस मुद्दे पर खासी मुखर रही है और इस फैसले को लीपापोती की कवायद बता रही है। कहा जा रहा है कि आम चुनाव की ओर बढ़ते देश में किसी जनाक्रोश से बचने के लिये सरकार ने यह कार्रवाई की है। वहीं महिला खिलाड़ी इस पद पर किसी महिला की नियुक्ति की मांग कर रही हैं ताकि महिला खिलाड़ियों को सुरक्षित वातावरण मिल सके। साथ ही यह सुनिश्चित करने की भी मांग की जा रही है कि जिन लोगों पर आरोप लगे थे वे और उनके सहयोगी फिर कभी भारतीय कुश्ती संघ पर काबिज न हो सकें। बहरहाल, केंद्रीय खेल मंत्रालय ने आईओए को भारतीय कुश्ती संघ का कामकाज देखने के लिये एक तदर्थ समिति गठित करने को कहा है।

Advertisement

Advertisement