सोलन कॉलेज में हुई शिक्षा में एआई की भूमिका पर चर्चा
सोलन, 9 मई (निस) : राजकीय महाविद्यालय सोलन (सोलन कॉलेज ) में ‘शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान पद्धति और नवचारी शिक्षण उपकरणों का उपयोग के उभरते रुझान’ पर चल रहे संकाय विकास कार्यक्रम के पांचवे दिन शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) पर विस्तार से चर्चा हुई। कार्यक्र्म की अध्यक्षता राजकीय महाविद्यालया की प्राचार्या डॉ. मनीषा कोहली ने की। आज के संसाधन व्यक्ति डॉक्टर बलवीर सिंह ठाकुर ने शिक्षा में एआई की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए।
सोलन कॉलेज में एआई. के विभिन्न टूल्स पर चर्चा
उन्होंने भारत के भविष्य के लिए शिक्षा में परिवर्तन को नितांत आवश्यक बताया तथा शिक्षकों और छात्रों को सशक्त बनाने के लिए एआई टूल्स अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त करते हुए भारत में शिक्षा प्रणाली की वर्तमान चुनौतियों ,विद्यार्थियों के लिए एआई. के विभिन्न टूल्स तथा शिक्षकों के लिए एआई. टूल्स और भारत में एआई का भविष्य इत्यादि जैसे संवेदनशील विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की डॉक्टर ठाकुर ने विभिन्न एआई टूल्स पर सभी प्रतिभागियों से प्रायोगिक परीक्षण भी करवाया जो भविष्य मे उनके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
इस मौके पर आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आइक्यूएसी) के समन्वयक डॉक्टर अनिल ठाकुर सहित आइक्यूएसी के सभी सदस्य (डॉक्टर बीएन कमल, डॉक्टर प्रेम प्रकाश, डॉक्टर एनआर कश्यप , प्रोफेसर प्रमोद कुमार डॉक्टर मीनू कुंडी, डॉक्टर विवेक शर्मा, डॉक्टर मंजू ठाकुर, डॉ रमेश कुमार, डॉक्टर गीतिका ठाकुर ,प्रोफेसर कनुप्रिया, डॉक्टर घनश्याम सोनी, डॉक्टर हीरा छेत्री, डॉ निशा मांटा, डॉक्टर तन्वी , प्रोफेसर अलीशा चौहान और संजना) तथा महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉक्टर अनंत विद्या निधि, डॉक्टर रितु शर्मा सोनी, प्रोफेसर निवेदिता पाठक, डॉ.राजेश भट, डॉ. रेणुबाला, डॉ कल्पना भारद्वाज, डॉक्टर योगेश जैन तथा सभी स्थानीय महाविद्यालय और बाहर के महाविद्यालयों से आए हुए प्रतिभागी उपस्थित रहे।
सोलन कॉलेज में ‘शिक्षा में एआई अनुसंधान पद्धति और नवचारी शिक्षण उपकरणों का उपयोग के उभरते रुझान’पर आयोजित कार्यशाला में भाग लेते प्रतिभागी। -निस