नयी दिल्ली, 12 जुलाई (ट्रिन्यू)यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) को मणिपुर की स्थिति पर तत्काल चर्चा करने से रोकने में असमर्थ रहने के बाद, भारत ने बुधवार को कहा कि मणिपुर की स्थिति 'भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक मामला' है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा की पूर्व संध्या पर होने वाली चर्चा को न करने के लिए एमईपी को मनाने के प्रयासों की बात स्वीकार करते हुए, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा, 'हमने यूरोपीय संघ के सांसदों तक पहुंचने के प्रयास किए। मामला पूरी तरह से भारत का आंतरिक है।' विदेश सचिव से इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया मांगी गयी थी कि नयी दिल्ली ने एक लॉबिंग फर्म अल्बर्ट एंड गीगर को काम पर रखा था जिसने यूरोपीय संसद को एक बयान जारी किया था। इम्फाल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, 'हम आपका ध्यान आकर्षित करने और 'भारत, मणिपुर की स्थिति...' पर अत्यावश्यक प्रस्ताव के संबंध में अपने विचार रखने के लिए लिख रहे हैं। दुर्भाग्यवश, अस्थिरता लंबे समय से जारी है। वर्तमान में, भारत सरकार संघर्ष को कम करने और शांति बहाल करने के लिए लगातार काम कर रही है।' 'मणिपुर मामले' प्रस्ताव को 'मानवाधिकारों के उल्लंघन, लोकतंत्र और कानून का शासन के मामलों पर बहस' के तहत चर्चा के लिए निर्धारित किया गया है।