शैक्षिक यात्रा के पड़ावों का विवेचन
प्रेम चंद विज
साहित्यकार धर्मपाल साहिल कृत ‘अध्यापक : एक जीवनी’ पंजाब की शिक्षा प्रणाली विशेषकर स्कूली शिक्षा का वास्तविक और सजीव चित्रण प्रस्तुत करती है। साहिल ने विभिन्न विधाओं में 15 पुस्तकें लिखीं, और 33 पुस्तकों का अनुवाद किया है।
प्रस्तुत पुस्तक के 44 अध्यायों में पंजाब की स्कूल शिक्षा व्यवस्था, स्कूलों की आंतरिक व्यवस्था, दशा, अध्यापकों का जीवन, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ राजनीतिक हस्तक्षेप के प्रभाव व दुष्प्रभाव का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया है। लेखक का अध्यापक जीवन रोजगार दफ्तर तलवाड़ा से आरम्भ हुआ। इस यात्रा में शिवालिक की सुंदर पर्वत माला, पहाड़ी बोलियां, स्कूलों की दुर्दशा, सामाजिक भेदभाव की समस्या से लेकर भाई-भतीजावाद की कुरीतियों का कुशलता से चित्रण किया है। प्रकृति के सौंदर्य पहाड़, गड्ढे , पेड़, पत्थर, कुएं, तालाब को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। यह संस्मरणात्मक आत्मकथा है।
लेखक ने अध्यापन में जीवन के चार दशक गुजारे। चालीस वर्ष से पूर्व का समय आज के समय से पूर्णतया भिन्न था। एमएससी रसायन शास्त्र प्रथम श्रेणी में पास करने के बाद लेखक के सम्मुख विदेश जाने और फार्मास्युटिकल कंपनी के भी अवसर थेे, लेकिन पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए अध्यापक बने।
शिक्षा के क्षेत्र की अच्छी बातों का उल्लेख करते हुए विभाग के उच्च अधिकारी कृष्ण कुमार के प्रयत्नों की प्रशंसा की है। इस अधिकारी ने शिक्षा विभाग में आते ही डीपीआई से लेकर दर्जा चार कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया। शिक्षण विधियों, मूल्यांकन, प्राइमरी से बारहवीं तक की कक्षा में महत्वपूर्ण परिर्वतन ला दिया।
ऐसा नहीं कि लेखक ने अपनी नौकरी के दौरान सिर्फ अच्छे या खुशहाल वक्त को ही देखा बल्कि काले दिनों का दौर भी भोगा जब आतंकवाद ने पूरे पंजाब को घेर लिया था। स्कूलों, पार्कों, बसों आदि में सामूहिक हत्याएं की जा रही थीं। स्कूल में एक नौजवान ने आकर खुद ही स्कूल की घंटी बजाकर छुट्टी कर दी। आतंकवादियों द्वारा जारी ड्रेस कोड को लागू करने का आदेश दे दिया, न लागू करने पर परिवार सहित खत्म कर देने की धमकी भी दी गई।
आखिर में लेखक लिखता है कि इतने वर्षों की सेवा में कई बार विश्वविद्यालय एवं कॉलेज स्तर पर उच्च् कक्षाओं को संबोधित का अवसर भी मिला। लेखक ने शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं, चुनौतियों व समाधान का विस्तार से जिक्र किया है। उन्होंने इन सभी को देखा ही नहीं, भोगा भी है।
पुस्तक : अध्यापक : एक जीवनी लेखक : धर्मपाल 'साहिल' प्रकाशक : इंडिया नेट बुक्स प्रा. लि., नोएडा पृष्ठ : 278 मूल्य : रु. 450.