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फसलों पर आसमान से बरसी आफत

10:56 AM Mar 04, 2024 IST
फसलों पर आसमान से बरसी आफत
जींद के दरौली खेड़ा गांव में हुई भारी ओलावृष्टि के बाद जमीन पर बिछी बर्फ की मोटी चादर। -हप्र
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जींद, 3 मार्च (हप्र)
जींद के कई गांवों में शनिवार को भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी गेहूं और सरसों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सोमवार को उन गांवों के किसान जींद के डीसी कार्यालय पहुंचेंगे, जिनमें ओलावृष्टि से फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है।
जिले में शनिवार शाम के बाद रात भर हुई बारिश और आलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। गेहूं की फसलें पूरी तरह से बिछ गई तो सरसों का फल पूरी तरह से झड़ गया। सबसे ज्यादा नुकसान उचाना और नरवाना क्षेत्र में हुआ है। जींद के जलालपुर कलां, जलालपुर खुर्द, उचाना के दरौली खेड़ा, खेड़ी मसानियां, सफा खेड़ी, सेढ़ा माजरा, उचाना कलां, उचाना खुर्द, बडनपुर आदि गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई है। खेड़ी मसानिया में तो पूरे दो घंटे तक आसमान से ओले बरसे। इससे गांव में गेहूं और सरसों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई। जिले में ओलावृष्टि से फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान खेड़ी मसानिया और दरौली खेड़ा में हुआ है। इन दोनों गांवों में इतने ओले बरसे कि चारों तरफ सफेद बर्फ की मोटी चादर सी बिछ गई। किसान खेतों में गए तो चारों तरफ बर्बादी का मंजर था। किसानों के सारे अरमानों पर कुदरत के कहर ने पानी फेर दिया। खेड़ी मसानिया के किसान कुलदीप, तरसेम ने कहा कि उनका सब कुछ कुदरत ने बर्बाद कर दिया। शनिवार शाम को जिले में भारी बारिश हुई थी। शाम को ओलावृष्टि होने के बाद शनिवार रात 9 बजे फिर से तेज बारिश शुरू हो गई। रात साढ़े 11 बजे तक तेज बारिश होती रही और साढ़े 11 बजे के करीब फिर से ओले गिरने शुरू हो गए। कई देर तक ओलावृष्टि होती रही। सुबह किसानों ने खेतों में फसलों की हालत देखी तो आंसू निकल पड़े। गेहूं की फसल पूरी तरह से बिछ चुकी है। सरसों का फल झड़ गया है। जिले भर में दो लाख 15 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल खड़ी है, तो 10 हजार हेक्टेयर में सरसों की फसल है।

जींद में 60 प्रतिशत गेहूं बिछी

कृषि विशेषज्ञों को मिली जानकारी के आधार पर 60 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं की फसल खेतों में जमीन पर बिछ चुकी है। सरसों को भी ज्यादा नुकसान है, क्योंकि इस समय सरसों की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार थी और मार्च के अंत तक कटाई शुरू हो जानी थी, लेकिन ओलावृष्टि से सरसों का फल झड़ गया। किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल बिछ जाने के बाद पैदावार पर असर पड़ेगा। गेहूं काली भी पड़ सकती है। मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार का कहना है कि अगले दो दिन मौसम परिवर्तनशील रहेगा। बादल छाए रहेंगे और बूंदाबांदी भी हो सकती है।

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फसलों का मुआवजा दे सरकार:आप

जींद(जुलाना) (हप्र) : आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष वजीर ढांडा ने रविवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सरकार से यह मांग की है कि बारिश व ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों की सरकार तुरंत गिरदावरी कराकर किसानों को 80 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा प्रदान करे। ढांडा ने बताया कि उन्होंने आज कई स्थानों पर खेतों का निरीक्षण किया है,जहां पर किसानों के फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों को तत्काल मदद की जरूरत है। इस मौके पर उनके साथ गणेश कौशिक व सतबीर दुहन भी मौजूद रहे।

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