केंद्रीय बजट में हिमाचल के लिए निराशा
शिमला, 23 जुलाई (हप्र)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी राजग सरकार के पहले बजट से हिमाचल को मायूसी ही हाथ लगी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए हिमाचल का उल्लेख अवश्य किया। मगर आपदा से पुनर्वास के लिए प्रदेश को कितनी रकम मिलेगी यह खुलासा नहीं किया। हिमाचल को रेलवे के विस्तार व निर्माणाधीन रेल लाइनों का कार्य पूरा होने के लिए कितना धनाबंटन हुआ है यह भी साफ नहीं हो सका है।
हिमाचल ने बीते साल शताब्दी की सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा को झेला है। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करने का प्रयास किया। बीते साल की आपदा के बाद सरकार ने विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र से विशेष मदद की गुहार लगाई। प्रदेश ने केंद्र से 9 हजार करोड़ की विशेष वित्तीय मदद प्रदान करने का आग्रह केंद्र से किया। लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव में केंद्र से मदद न मिलने को कांग्रेस ने मुद्दा भी बनाया। हिमाचल को उम्मीद थी कि बजट में केंद्र से उसे विशेष मदद मिलेगी। यही कारण है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट से पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, मनोहर लाल खट्टर व नितिन गडकरी से मुलाकात कर प्रदेश के हितों की पैरवी की। मगर मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से हिमाचल मायूस हुआ है।
20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण
बजट के अनुसार पांच सालों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा। इसका फायदा हिमाचल को मिल सकता है। साथ पीएम आवास योजना में 10 लाख करोड़ निवेश कर शहरी गरीबों व मध्य वर्ग की आवश्यकताएं पूरी होंगी। प्रदेश के कर्मचारियों को आयकर छूट की सीमा बढ़ाने के केंद्र की घोषणा से फायदा होगा। साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 से बढ़ाकर 75 हजार करने का फायदा भी कर्मचारियों को होगा।
प्रदेश को बजट से कुछ नहीं मिला : सुक्खू
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस राशि का बजट में उल्लेख किया गया है वह उत्तराखंड और सिक्किम सहित कुछ अन्य राज्यों को भी दी गई है। इसका विस्तृत आदेश पढ़ने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बजट से पहले उन्होंने पीएम मोदी के साथ-साथ अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान हिमाचल को बजट में विशेष मदद का आग्रह किया। सरकार को आपदा राहत के तौर पर 9 हजार करोड़ की उम्मीद थी, मगर उत्तराखंड व सिक्किम के साथ कितनी रकम मिलेगी यह बजट को विस्तार से पढ़ने पर कहा जा सकता है। यही स्थिति रेलवे के विस्तार की भी है। उन्होंने कहा कि बिहार की जेडीयू व आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ टीडीपी राजग सरकार में शामिल हैं। लिहाजा इन दोनों राज्यों के लिए बजट में विशेष घोषणा की गई है।
जनजातीय बहुल गांवों को होगा फायदा
जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में सभी जनजातीय परिवारों का पूर्ण कवरेज करते हुए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरूआत करेंगे। केंद्र सरकार की इस योजना का फायदा प्रदेश के दो आकांक्षी जिलों चंबा व सिरमौर के साथ-साथ लाहौल स्पीति व किन्नौर के जनजातीय लोगों को होगा। इसके अलावा पीएमजीएसवाई -4 के शुरू होने के साथ-साथ शहरी व ग्रामीण आवास योजनाओं का भी हिमाचल को फायदा होगा।