पंजाब के गांव कांसल का गंदा पानी, सिटी ब्यूटीफुल की हरियाली के लिए खतरा
आतिश गुप्ता/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 3 नवंबर
पंजाब के कांसल गांव का गंदा पानी अब सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ की प्राकृतिक खूबसूरती के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। रॉक गार्डन के पीछे से निकलने वाला यह प्रदूषित जल, स्थानीय जंगलात क्षेत्र में फैलकर न केवल इलाके की छवि को धूमिल कर रहा है, बल्कि आसपास के निवासियों की सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। स्थानीय लोग इस गंदे पानी की दुर्गंध और उससे उत्पन्न बीमारियों के कारण परेशान हैं, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी कठिन हो गई है। यूटी प्रशासन का जंगलात विभाग अब इस संकट का सामना करने के लिए एक ठोस योजना के साथ आगे बढ़ रहा है। विभाग ने रॉक गार्डन के निकट एक जलघर बनाने का निर्णय लिया है, जहां गंदे पानी को एकत्रित किया जाएगा। यह कदम जंगलात क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस परियोजना के लिए 10 लाख रुपये का खर्च आने का अनुमान है, और टेंडर प्रक्रिया जल्द ही आरंभ होने वाली है।
इस बीच, यूटी प्रशासन ने पंजाब सरकार से अपील की है कि कांसल गांव से आने वाले गंदे पानी के उपचार के लिए एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाए। अधिकारियों का कहना है कि हाल ही में पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में इस समस्या पर चर्चा हुई थी, जिसमें सीवेज के उपचार के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया गया था।
100 पेड़ों को लील चुका है प्रदूषित जल
पिछले कई वर्षों से कांसल गांव का गंदा पानी चंडीगढ़ के जंगलों में प्रवाहित हो रहा है, जिससे करीब 100 पेड़ नष्ट हो चुके हैं और कई एकड़ भूमि को नुकसान पहुंचाया गया है। इसके चलते रॉक गार्डन और उसके पीछे स्थित पिंड कैंबवाला में बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। जंगलात विभाग ने पंजाब सरकार से इस समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के लिए एक स्पष्ट टाइमलाइन मांगी है, ताकि चंडीगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता को पुनः स्थापित किया जा सके।