For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

स्कूल की इमारत जर्जर, जान जोखिम में डालकर पढ़ रही छात्राएं

07:39 AM Jul 07, 2023 IST
स्कूल की इमारत जर्जर  जान जोखिम में डालकर पढ़ रही छात्राएं
होडल के बंचारी गांव में जर्जर स्कूल की इमारत। -निस
Advertisement

बलराम बंसल/निस
होडल, 6 जुलाई
सरकार की ओर से जहां बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के अभियान पर जोर दिया जा रहा है, वहीं होडल उपमंडल के एेतिहासिक व ढ़ोल नगाड़ों के लिए मशहूर बंचारी गांव में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की जर्जर इमारत यहां पढ़ रही सैकड़ों छात्राओं के जीवन के लिए संकट बन गई है।
ये छात्राएं अपनी जान जोखिम में डाल कर यहां पढ़ने के लिए मजबूर हैं। बंचारी गांव के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छठी कक्षा से 12वीं कक्षा तक कुल 460 छात्राएं प्रतिदिन पढ़ने के लिए आती हैं। इस विद्यालय में इन छात्राओं के लिए बनाई गई इमारत कई महीनों पहले कंडम घोषित की जा चुकी है। इसे लोक निर्माण विभाग के जेई द्वारा अपनी रिपोर्ट में कंडम घोषित किया गया है।
इस जर्जर इमारत को बनाने के लिए होडल, पलवल जिला शिक्षा अधिकारियों सहित उपमंडल अधिकारी व जिला उपायुक्त से लेकर होडल के विधायक व केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर तक से मांग की जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस इमारत के निर्माण कार्य के लिए राशि को भी आबंटित नहीं किया गया है।
तीन महीने पहले इसी विद्यालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के आगमन पर ग्रामीणों ने विद्यालय की इमारत को बनाने की मांग रखी थी, लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी अभी तक इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस ईमारत के जर्जर होने के कारण ही कभी भी कोई भयानक हादसा घटित हो सकता है।
प्रिंसिपल बोले-नहीं मिली मंजूरी
विद्यालय के प्रिंसिपल नारायण सिंह के अनुसार विद्यालय की कंडम हुई इमारत के बारे में सभी प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी अभी तक इसके निर्माण कार्य को मंजूरी नहीं मिल पाई है। जिस कारण से छात्राएं अपनी जान को जोखिम में डाल कर पढ़ाई कर रही हैं व अध्यापक भी अपनी जान जोखिम में डाल कर इन छात्राओं को पढ़ा रहे हैं।
सरपंच ने कहा- ग्रामीणों में रोष
बंचारी गांव के सरपंच सीताराम नम्बरदार का कहना है की स्कूल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों के द्वारा कई दिनों तक प्रदर्शन किया गया था। उस दौरान अधिकारियों के आश्वासन पर प्रदर्शन को समाप्त किया गया था, लेकिन उसके भी कई माह बीत जाने के बाद अभी तक इस इमारत के नवनिर्माण की कोई मंजूरी नहीं मिल पाने के कारण ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

Advertisement
Advertisement
Tags :
Advertisement
Advertisement
×