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Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी आज, जानें क्यों है आज के दिन चौमुखी दीपक जलाने की परंपरा

08:53 AM Jul 06, 2025 IST

चंडीगढ़, 6 जुलाई (वेब डेस्क)

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Devshayani Ekadashi 2025: आज देवशयनी एकादशी है। आज के दिन से ही चातुर्मास की शुरुआत होती है। यह वह दिन होता है जब भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में प्रवेश करते हैं। मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना से सालभर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक इस एकादशी पर चौमुखी दीपक जलाने की परंपरा विशेष मानी जाती है। चार बातियों वाला यह दीपक पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण चारों दिशाओं में रोशनी फैलाता है, जो प्रतीक है चारों दिशाओं से आने वाली सुख, शांति और समृद्धि का। मान्यता है कि यह दीपक घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
जो लोग आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, वे शाम को तुलसी के पास घी का दीपक जलाकर 'ॐ नमो नारायणाय नम:' मंत्र का 11 बार जाप करें और तुलसी की 11 परिक्रमा करें। इससे धन-संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं।

Panchang 6 July 2025: राष्ट्रीय मिति आषाढ़ 15, शक संवत् 1947
हिन्दू तिथि आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी (रात्रि 09:16 तक), उपरांत द्वादशी
वार रविवार
विक्रम संवत् 2082
सौर मास आषाढ़ मास प्रविष्टे 22
अंग्रेज़ी तारीख 06 जुलाई 2025 ई॰
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, उत्तर गोल
ऋतु वर्षा ऋतु
राहुकाल सायं 04:30 से 06:00 बजे तक
नक्षत्र विशाखा (रात्रि 10:42 तक), उपरांत अनुराधा
योग साध्य (रात्रि 09:27 तक), उपरांत शुभ योग
करण वणिज (प्रातः 08:08 तक), उपरांत बव
विजय मुहूर्त दोपहर 02:45 से 03:40 बजे तक
निशीथ काल रात्रि 12:06 से 12:46 बजे तक
गोधूलि बेला सायं 07:21 से 07:42 बजे तक
चन्द्रमा राशि तुला (सायं 04:01 तक), उपरांत वृश्चिक राशि
विशेष तिथि देवशयनी एकादशी
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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