अनिश्चितताओं के बावजूद एफपीआई ने भारतीय शेयरों में डाले 1.5 लाख करोड़
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (एजेंसी)
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2023 में भारतीय शेयर बाजार में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये डाले हैं। निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भरोसे के चलते भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों का आकर्षण बना हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि एफपीआई का यह सकारात्मक रुख अगले साल यानी 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है। मॉर्निंगस्टोर इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अपनी मजबूत आर्थिक वृद्धि के साथ भारत एफपीआई के आकर्षण का केंद्र बना रहेगा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अबतक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में भी उन्होंने लगभग 60,000 करोड़ रुपये डाले हैं। कुल मिलाकर उनका निवेश दो लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार ने कहा, ‘भारत एफपीआई के लिए शीर्ष निवेश गंतव्य है। वैश्विक निवेशक समुदाय के बीच यह आम राय है कि आगामी वर्षों में सतत वृद्धि की दृष्टि से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत की स्थिति सबसे बेहतर है।’
स्नातकों के बीच बेरोजगारी दर घटकर 13.4 प्रतिशत पर : सर्वे
नयी दिल्ली (एजेंसी) : देश में स्नातकों के बीच बेरोजगारी की दर 2022-23 में घटकर 13.4 प्रतिशत रह गई है, जो इससे पिछले साल में 14.9 प्रतिशत थी। एक सरकारी सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के ताजा आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के स्नातकों के बीच सबसे कम बेरोजगारी दर (5.6 प्रतिशत) चंडीगढ़ में रही। इसके बाद 5.7 प्रतिशत के साथ दिल्ली का स्थान रहा। आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में सबसे ऊंची बेरोजगारी दर (33 प्रतिशत) अंडमान और निकोबार द्वीप में रही। इसके बाद लद्दाख में यह दर 26.5 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश में 24 प्रतिशत रही। बड़े राज्यों की बात करें, तो राजस्थान में बेरोजगारी दर 23.1 प्रतिशत और ओडिशा में 21.9 प्रतिशत थी। बेरोजगारी या बेरोजगारी दर को श्रमबल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।