‘नाकाबंदी’ के बावजूद चल रहा ओवरलोडिंग का खेल
प्रदीप साहू/हप्र
चरखी दादरी, 26 जून
‘नाकाबंदी’ के बावजूद चरखी दादरी में ओवरलोडिंग का ‘गंदा’ खेल चल रहा है। हालांकि प्रशासन द्वारा ओवरलोडिंग वाहनों के चालान काटकर करोड़ों रुपए का राजस्व भी मिल रहा है। बावजूद इसके ओवरलोडिंग का खेल नहीं रूक रहा है। ओवरलोडिंग के कारण हालात ऐसे हो गए हैं कि हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। ओवरलोडिंग माफिया द्वारा बनाये व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से इस खेल की चेन तोड़ने में पुलिस-प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। इसका एक कारण स्थाई आरटीओ की नियुक्ति नहीं होना भी माना जा रहा है।
बता दें कि चरखी दादरी जिले में माइनिंग व क्रशर जोन क्षेत्र होने के कारण प्रतिदिन करीब 10 हजार ट्रक व ट्राला निकलते है। ऐसे में ओवरलोडिंग माफिया अपने पैर पसारे हुए हैं और व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से चेन बनाकर बेरोकटोक ये अपना काम बखूबी कर रहे हैं। ओवरलोडिंग को रोकने के लिए पुलिस द्वारा जहां जगह-जगह नाके लगाए गए हैं। वहीं प्रशासन द्वारा विशेष अभियान चलाकर ओवरलोडिंग वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार चालान काटने की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि प्रशासन द्वारा हर माह करोड़ों रुपए के चालान किए जा रहे हैं।
फिर भी प्रशासन व ओवरलोडिंग वाहन चालकों की लुका-छिपी का खेल बदस्तूर जारी है। इसका एक कारण दादरी जिला में स्थाई आरटीओ की नियुक्ति नहीं होना भी माना जा रहा है। पुलिस कप्तान पूजा वशिष्ठ द्वारा पदभार संभालते ही ओवरलोडिंग वाहनों को रोकने में जो सख्ती दिखाई थी।
अब वह निचले स्तर पर पदाधिकारियों की ढिलाई से फिर चालू है। अब यहां फिर पहले की तरह ओवरलोड वाहन जिले में प्रवेश कर रहे है। ऐसा नहीं है कि दादरी पुलिस इससे अनभिज्ञ है। पुलिस के पहरे में जब ओवरलोड ट्रक बाजार से गुजरते हैं तो मार्निग वॉक में निकलने वाले लोग भी सहम जाते हैं। ये स्पष्ट है कि ओवरलोडिंग का गंदा खेल किसी के इशारे पर चल रहा है।
माफिया ने बना रखी है व्हाट्स ग्रुप की चेन
ओवरलोडिंग माफिया द्वारा व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से बनायी चेन का कई बार पुलिस व प्रशासन की टीमों द्वारा खुलासा करते हुए कई लोगों पर केस भी दर्ज हो चुके हैं। बावजूद इसके ओवरलोडिंग का खेल लगातार जारी है।
आरटीओ की नियुक्ति को लेकर लिखा पत्र
लोकल रूटों का मिल रहा फायदा
ओवरलोडिंग वाहन रात को या दिन में लोकल रूटों से होकर निकल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस का पहरा या नाके नहीं होने का फायदा लेते हुए ये बेरोकटोक चल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार ओवरलोडिंग माफिया द्वारा अनेक वाट्सएप ग्रुप बनाये गये हैं, जिनकी बकायदा ग्रुप में एड होने के लिए मंथली भी ली जाती है। इन ग्रुपों पर प्रशासन व पुलिस टीमों की कार्रवाई या इनकी लोकेशन लगातार अपडेट की जाती है।