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ट्रेनिंग लेने के बावजूद 50 स्कूलों ने नहीं किया साइंस प्रोग्राम डिवाइस का प्रयोग

06:43 AM Mar 31, 2024 IST
ट्रेनिंग लेने के बावजूद 50 स्कूलों ने नहीं किया साइंस प्रोग्राम डिवाइस का प्रयोग
अम्बला में बीईओज और प्रतिनिधियों की बैठक लेते डीईईओ सुधीर कालडा।-हप्र
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जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 30 मार्च 
ट्रेनिंग लेने के बावजूद जिला के 50 राजकीय स्कूलों द्वारा बच्चों के हित में विज्ञान शिक्षण डिवाइस का प्रयोग ही नहीं किया गया। राजकीय विद्यालयों की इस स्पष्ट लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये को गंभीरता से लेते हुए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने संबंधित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को सूची सौंपी है।
दरअसल 8वीं कक्षा तक के बच्चों की विज्ञान विषय में रूचि उत्पन्न करने के लिए संपर्क फाउंडेशन एनजीओ ने 177 राजकीय स्कूलों में विज्ञान शिक्षण के लिए फन विद साइंस प्रोग्राम डिवाइस उपलब्ध कराया था। इसके प्रयोग से विज्ञान शिक्षकों के अलावा अन्य विषय के टीचर भी इस डिवाइस को स्मार्ट बोर्ड से जोड़ कर आसानी से विज्ञान विषय पढ़ा सकते हैं। इस मामले में लापरवाही इस कदर हावी रही कि 50 स्कूलों में इस विज्ञान शिक्षण डिवाइस का उपयोग ही नहीं किया गया। अब जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों को विज्ञान शिक्षण डिवाइस की ट्रेनिंग लेने के बावजूद कार्य न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ  कार्रवाई प्रस्तावित करने को कहा है।
इसके साथ साथ एक सुखद तथ्य भी सामने आया है जिसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले जो बच्चे प्राइवेट स्कूलों में चिराग योजना के तहत प्रवेश लेने के इच्छुक हैं, उन्हें दाखिला करवाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। शिक्षा विभाग द्वारा चिराग पोर्टल पर जिले के 27 प्राइवेट स्कूलों की सूची डाली गयी है जिन्होंने चिराग योजना के तहत अपने यहां प्रवेश देने की पेशकश की है।
जानकारी के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारियों को 27 प्राइवेट स्कूलों की सूची सौंपी जा चुकी है ताकि संबंधित छात्रों को इस योजना का पूरा लाभ मिल सके। लेकिन यह भविष्य में गर्भ में है कि संबंधित स्कूलों में कितने छात्र प्रवेश ले पाएंगे। गत वर्ष मात्र 8 स्कूलों ने चिराग के तहत बच्चों को दाखिला देने पर सहमति दी थी लेकिन मात्र 3 बच्चे ही दाखिल हो पाए थे।
''विज्ञान शिक्षण डिवाइस को लेकर गंभीर लापरवाहियां संज्ञान में आई थी जिनको लेकर खंड शिक्षा अधिकारियों को संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति करने को कहा गया है। ऐसे स्कूलों की सूचि के साथ साथ उन 27 स्कूलों की सूचि भी उपलब्ध करवा दी गई है जिन्होंने चिराग योजना में प्रवेश की स्वीकृति दी है।'' -सुधीर कालड़ा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, अम्बाला 
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