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दिलवाले की दुकान पर परवान चढ़ते अरमान

07:15 AM Jan 05, 2024 IST
दिलवाले की दुकान पर परवान चढ़ते अरमान
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मनीष कुमार चौधरी

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उसने कोई भेड़चाल वाला काम शुरू नहीं किया, बल्कि सर्वथा नए तरह के माल की दुकान लगाई थी। दिल की दुकान। कई तरह के दिलों की वैरायटियां उसके पास थीं। हर तरह के भाव या जज्बा रखने वाले। जालसाजी, मिलावट, गबन, रिश्वतखोरी, फर्जी निकासी, लोन लेकर न चुकाना और विदेश भाग जाना आदि के भाव मिनटों में उत्पन्न करने वाले दिलों के साथ-साथ बड़े आपराधिक कृत्यों में हत्या, चोरी, डकैती, लूट, बलात्कार, दंगों के अलावा देशद्रोह का जज्बा पैदा करने वाले दिल भी उसके पास भरपूर थे। ईमानदारी की किस्म में नैतिकता, सदाचार, सेवाभाव, त्याग भावना से ओतप्रोत दिल थे।
पहला ग्राहक एक किराने वाला था। अपने ईमानदार दिल की जगह मिलावट के भाव भरने वाला दिल रिप्लेस कराने के बाद ज्यों ही वह व्यापारी अपनी किराने की दुकान पर आकर बैठा, उसके मन में अजीब-अजीब से भाव आने लगे। दिल ने गवाही दी तो दिमाग मिलावट के नए-नए आइडिए पैदा करने लगा। महीना भर बीतते-बीतते वह किराने वाला लाखों में खेलने लगा। ग्राहकों के इंतजार में बैठा छत की पट्टियां गिनने वाला कुछ ही दिनों में एक भव्य डिपार्टमेंटल स्टोर का मालिक बन गया।
इधर ‘माउथ टू माउथ’ प्रचार की बयार चल पड़ी और पूरे शहर को दिलवाले की दुकान का पता चल गया। व्यापारी आकर मिलावट के भाव जगाने वाला दिल लेने लगे तो दफ्तरों के बाबू रिश्वत, गबन, फर्जी निकासी वाले। शेयर दलाल जालसाजी के दिलों पर टूट पड़े। नौजवान छात्र-छात्राएं झूठ बोलने में मदद करने वाला दिल ले गए, ताकि मां-बाप को स्कूल-कॉलेज जाने का झूठा बहाना बनाकर प्रेमियों के साथ सिनेमा देखने जा सकें। कुछ भाई सरीखे लोग आए और आपराधिक प्रकृति वाले दिल मुंहमांगे दामों में फिट करवा गए। खादी के कुर्ता-पायजामा पहनकर आए कई लोगों ने दिलवाले से ऐसे दिल रखने की मांग की जिससे कुर्सी के प्रति मोह में वृद्धि हो। देशभर में दिलवाला के दिल बिकने लगे। स्थिति यह हो गई कि हर ईमानदार दिलवाला देशवासी अपना दिल देकर बाकी तमाम तरह के दिल लगवाने लगा।
सब तरफ भ्रष्टाचार, आतंक, राष्ट्रविरोधी, सत्ता मोह वाली प्रकृति के दिल वाले नजर आने लगे। बस यहीं आकर दिलवाले की दूरदर्शिता धूल चाटने लगी। उसका धंधा एकाएक संकट में आ गया। कारण कि लोग अपना साफ-सुथरा ईमानदार दिल दिलवाला को देकर बदले में बुरे भावों वाले दिल लगवा ले गए तो दिलवाला की दुकानों पर ईमानदारी के दिलों का ओवर-स्टॉक हो गया।

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