सेम की समस्या के स्थायी समाधान के लिए सीएम के समक्ष प्रस्ताव रखेंगे डिप्टी कमिश्नर
हथीन, 2 जनवरी (निस)
गुरुग्राम नहर के साथ कृषि योग्य जमीन से सेम की समस्या समाप्त करने की योजना पर काम हो रहा है। हथीन उपमंडल के करीब 15 गांवों में तीन हजार एकड़ जमीन से पानी निकालने का प्रपोजल बनाया जा रहा है। सिंचाई विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। डिप्टी कमिश्नर डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने सैम समस्या से ग्रस्त गांवों का दौरा कर वहां का जायजा लिया और इसके परमानेंट समाधान के लिए प्लानिंग बनाने के निर्देश जारी किए है। हथीन क्षेत्र के गांव मंडकौला, स्यारौली, कानौली, रीबड़, जीता खेडली, मढनाका, मठेपुर, दूरेंची, छांयसा, बिघावली, मीरपुर, हुंचपुरी, महलूका, रणसीका गांवों में सेम की समस्या है। इन गांवों की हजारों एकड़ जमीन में बरसाती पानी जमा हो जाता है और रवि की फसल की बिजाई के समय तक खड़ा रहता है। खऱीफ की फसल के दौरान फिर पानी भर जाता है। क्षेत्र में करीब तीन हजार एकड़ से ज्यादा जमीन बिना बिजाई के रह जाती है और उसमें बरसाती पानी भरा रहता है। गुरुग्राम नहर से सटे गांवों मे सेम की समस्या सर्वाधिक है। गेंहू की फसल की देर से बिजाई के बाद हल्की बरसात में ही पानी भर जाता है और फसल नष्ट हो जाती है। इन गांवों से पानी की निकासी के लिए पिछले करीब 20 साल से बोरवेल लगाए जा रहे हैं। बोरवेल लगाने से सेम की समस्या का निदान आज तक नहीं हुआ।