उपायुक्त सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए बेरोजगार युवाओं को करेंगे प्रोत्साहित
शिमला, 4 फरवरी (हप्र)
लोकसभा चुनाव में इस बार युवाओं की बड़ी भूमिका रहने वाली है। ऐसे के केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक युवाओं को अपने अपने पक्ष में करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इसी कड़ी में प्रदेश की सुक्खू सरकार इस वर्ष राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना लेकर आई है। योजना के पहले चरण में 500 ई-टैक्सियों की खरीद कर बेरोजगारों को उपदान पर देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब दूसरे चरण के तहत खाली पड़े खेतों और बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है। इसके तहत सरकार ने युवाओं को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की जिम्मेदारी प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को सौंपी है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षित बेरोजगार युवा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर स्थायी रोजगार प्राप्त कर सकें।
प्रदेश सरकार के दूसरे बजट में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का उल्लेख होगा। इतना ही नहीं सरकार ने इस योजना को तीसरे चरण में कृषि-बागवानी करने वाले युवा किसानों को कृषि संबंधी कार्यों के लिए उपदान की सुविधा देने की योजना बनाई है। कृषि और मत्स्य उत्पादन के लिए उन्हें 90 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने की योजना तैयार की जा रही है।
680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के दूसरे चरण में प्रदेश सरकार हरित ऊर्जा को रोजगार सृजन के साथ जोड़ेगी। इसके तहत राज्य के युवाओं को 100 किलोवाट से एक मेगावाट क्षमता तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
पहले 4 लाख देकर हर महीने 40 हजार कमाएं
सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कोई भी व्यक्ति चार लाख रुपये की धनराशि जुटाकर हर महीने 20 हजार से लेकर 40 हजार रुपए तक की आय प्राप्त कर सकेगा। योजना के तहत कम से कम तीन बीघा और अधिकतम दस बीघा भूमि पर सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित होंगे। सरकार भूमि मालिकों के साथ 25 साल का समझौता करेगी।
ई-टैक्सी योजना में पहुंचे 1250 से अधिक आवेदन
राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना-2023 के लिए अभी तक 1250 से अधिक आवेदन पहुंच चुके हैं। इस योजना के तहत प्रथम चरण में 500 ई-टैक्सी सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों व अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ अनुबंध के आधार पर लगाई जानी है। आवेदक यदि किसी मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा बोर्ड/संस्थान से 10वीं पास हो और उसके पास वाहन चलाने का 7 साल का अनुभव होना चाहिए। यदि आवेदक 10वीं पास नहीं है तो उसके पास वाहन चलाने का 10 साल का अनुभव अनिवार्य है।