अमेरिका से निर्वासन : 487 और भारतीयों की सूची तैयार, 96 का सत्यापन पूरा
नयी दिल्ली, 7 फरवरी (ट्रिन्यू/ एजेंसी)
अमेरिका से वापस भेजे जाने के लिए 487 भारतीय नागरिकों को चिह्नित कर लिया गया है और 298 लोगों का विवरण भारत के साथ साझा किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की फ्रांस और अमेरिका यात्रा को लेकर शुक्रवार को मीडिया को जानकारी दे रहे विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने बताया कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा साझा की गयी जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि 487 की सूची अभी प्राप्त हुई है और यह उन 96 व्यक्तियों से अलग है, जिन्हें अमेरिका में निर्वासन के लिए पहले ही सत्यापित किया जा चुका है। ये 96 व्यक्ति 204 निर्वासित लोगों के पहले बैच में से हैं, जिनमें से 104 को 5 फरवरी को अमेरिकी वायुसेना के विमान से अमृतसर में उतारा गया था। उनमें से चार का पुन: सत्यापन किया जा रहा है।
अवैध भारतीय प्रवासियों को सैन्य विमान में 40 घंटे की उड़ान के दौरान हथकड़ी लगाकर वापस भेजे जाने पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने अमेरिका के समक्ष चिंता व्यक्त की है और इस तरह के व्यवहार से बचा जा सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की अमेरिकी नीति 2012 से ही लागू है।
विदेश सचिव से जब पूछा गया कि क्या भारत ने 2012 में हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजने पर अपना विरोध दर्ज कराया था, तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई विरोध जताया गया था। हमारे पास आपत्ति के संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं है।’
महिलाओं को बेड़ियाें में बांधे जाने का उठाया मामला
निर्वासन-उड़ान के दौरान जंजीरों में जकड़े जाने का दावा करने वाली महिलाओं के बयान सामने आने के बाद, भारत ने अमेरिका के समक्ष चिंता जताई है कि इन महिलाओं को कैसे और क्यों जंजीरों में रखा गया था। इस बारे में पूछ जाने पर अधिकारियों ने बताया, ‘यह मामला दिल्ली और वाशिंगटन में भी अमेरिका के साथ उठाया गया है।’ ऐसी उड़ानों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं यह निर्धारित करती हैं कि महिलाओं और बच्चों को बेड़ियों में नहीं बांधा जाएगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि महिलाओं और बच्चों को हथकड़ियां नहीं पहनाई गयी थीं।
करनाल में 4, अमृतसर में एक एजेंट के खिलाफ केस दर्ज
करनाल/ अमृतसर (हप्र/ ट्रिन्यू) : अमेरिका से 104 अवैध प्रवासियों के निर्वासन के दो दिन बाद शुक्रवार को पांच ट्रैवल एजेंटों पर मामले दर्ज किए गये। निर्वासित लोगों व उनके परिवार के सदस्यों की शिकायतों पर करनाल पुलिस ने चार एजेंटों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि एक मामला अमृतसर में दर्ज किया गया है। करनाल पुलिस ने आरोपियों की पहचान का अभी खुलासा नहीं किया है। बताया जा रहा है कि इनमें से दो इमिग्रेशन एजेंट करनाल, एक जालंधर और एक मुंबई का है। वहीं, अमृतसर पुलिस द्वारा सलेमपुरा गांव के दलेर सिंह की शिकायत पर दर्ज केस में आरोपी की पहचान ‘फर्जी’ ट्रैवल एजेंट सतनाम सिंह के तौर पर की गयी है। दलेर ने आरोप लगाया कि सतनाम ने वैध वीजा पर अमेरिका भेजने का वादा किया था। उन्हें पनामा के जंगलों में खतरनाक रास्तों से गुजरने जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। दलेर को मेक्सिको के रास्ते अमेरिकी सीमा पार करने के लिए मजबूर किया गया, जहां उन्हें 15 जनवरी को हिरासत में ले लिया गया था। उधर, करनाल में डीएसपी सिटी राजीव कुमार ने बताया डिपोर्ट हुए तीन लोगों की शिकायत पर चार एजेंटों के खिलाफ असंध, मधुबन और रामनगर थाना में इमिग्रेशन एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
पंजाब पुलिस ने बनाई एसआईटी
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : पंजाब पुलिस ने अवैध प्रवास और मानव तस्करी के मुद्दे की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि एडीजीपी (एनआरआई) प्रवीण सिन्हा की अध्यक्षता में एसआईटी बनाई गयी है। इसके सदस्यों में एडीजीपी (आंतरिक सुरक्षा) शिव वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक डॉ. एस. भूपति और बॉर्डर रेंज के डीआईजी सतिंदर सिंह शामिल हैं।