अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए विभाग हुआ सतर्क
अम्बाला शहर, 30 अप्रैल (हप्र)
अक्षय तृतीया पर बाल विवाह को रोकने के लिए बाल विवाह निषेध विभाग सक्रिय हो गया है। वर्ष 2024 में अक्षय तृतीया 10 मई को पड़ रही है। बाल विवाह की रोकथाम हेतु जिले में विभिन्न प्रकार के जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। बाल विवाह कराने में सम्मिलित व्यक्तियों के विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जायेगी। दरअसल अक्षय तृतीया आखा तीज के अवसर पर बाल विवाह करने की रूढ़िवादी परंपरा समाज में प्रचलित रही है। जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी अरविंद्रजीत कौर ने बताया कि बाल विवाह करना या कराना दंडनीय अपराध है। 18 साल से पहले बालिका की तथा 21 वर्ष से पहले बालक का विवाह करना प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले व्यस्क पुरुष के लिए एवं बाल विवाह का अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1 लाख रुपये तक के जुमाने का प्रावधान है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसके शारीरिक एवं मानसिक रूप से गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं।
उन्होंने बताया कि वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिंटिंग प्रेस, टेंट व्यवसायी, मैरिज हॉल, बैंड बाजा, कैटरर्स, फोटो ग्राफर, पुरोहित, मौलवी इत्यादि व्यक्तियों एवं संस्थाओं से भी यह अपेक्षा की जाती है कि वैवाहिक आयोजन कराने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि वधु की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो। यदि बाल विवाह से संबंधित कोई प्रकरण किसी भी नागरिक के संज्ञान में आता है तो वह तत्काल हेल्पलाइन नम्बर 112, महिला एवं बाल विकास हेल्पलाइन नंबर 181, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 या स्थानीय पुलिस स्टेशन व चौकी पर सूचित कर दें जिससे बाल विवाह को रोका जा सके।