कच्चा माल न मिलने से बंद होने के कगार पर पहुंचा देवधर स्टोन क्रशर जोन
छछरौली, 3 मार्च (निस)
हरियाणा सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाला तथा यमुना नगर ज़िले के हज़ारों लोगों को रोज़गार देने वाला तीन दशक पुराना देवधर कोलीवाला स्टोन क्रशर जोन के बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। ज्यादातर खनन रॉयल्टी घाटों के बंद हो जाने के कारण क्रशरों को कच्चा माल नहीं मिल रहा है। कच्चा माल न मिलने, पोर्टल बंद होने के कारण अधिकतर इकाइयों पर ताले लटक गए हैं। खनन विभाग की अदूरदर्शिता व लालफ़ीताशाही के चलते काफ़ी उद्योगपति उतरप्रदेश,उतराखंड व हिमाचल के पोंटा साहिब में अपना कारोबार शिफ्ट करने में लगे हैं। अब खरीदार भी हिमाचल प्रदेश व अन्य राज्यों से माल खरीदने लगे हैं।
देवधर कोहली वाला स्टोन क्रेशर जोन में लगी लगभग 250 क्रशर इकाईयों को कच्चे माल की किल्लत हो रही है। बता दें कि बीती 10 जनवरी को ईडी की रेड के बाद पांच खनन रॉयल्टी कंपनियों के बंद हो जाने से स्टोन क्रशरों पर यह संकट मंडराया है। वहीं पत्थर खदानें बंद पड़ी हैं। अधिकतर स्टोन क्रशर इकाईयों तथा स्क्रीनिंग प्लांट्स के पोर्टल बंद होने से तैयार माल के पक्के बिल नहीं मिल रहे हैं। प्रताप नगर से सोनीपत, नोएडा, गुड़गांव, दिल्ली जैसे दूर स्थान पर माल ले जाने वाले खरीदार अब पक्के बिलों के कारण साथ लगते हिमाचल के पोंटा साहब से माल की खरीदारी कर रहे हैं। कुछ उद्योगपति अब अपना कारोबार हिमाचल के पोंटा साहब में शिफ्ट करने लगे हैं। क्रशर संचालक बंसीलाल सैनी, सुमेर वालिया, नरेश बटार, भूपिन्दर देवधर, श्योपाल ने बताया कि अधिकतर इकाइयों के पोर्टल बंद हैं। क्रशर ओनर्स एसोसिएशन के प्रधान रामपाल कांबोज ने बताया कि लगभग सभी घाट बंद पड़े हैं। उन्होंने बताया कि देवधर कोहली वाला स्टोन क्रेशर जोन सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। सरकार को स्टोन क्रशर उद्योग को बचाने के लिए कोई समाधान जरुर निकालना चाहिए।