नाम के विवाद में जाटौली के ग्रामीणों का प्रदर्शन
गुरुग्राम, 3 जुलाई (हप्र)
पटौदी व हेलीमंडी नगर पालिकाओं को मिलाकर पटौदी-मंडी के नाम से नगर परिषद बनाने के फैसले का इलाके के लोगों ने कड़ा विरोध किया है। विरोध प्रदर्शन कर इन्होंने आरोप लगाया कि गुलामी के प्रतीक हेली के नाम को बदलवाने की लड़ाई पर सरकार ने ध्यान देने की बजाय जाटौली गांव के अस्तित्व को ही समाप्त करने का षड्यंत्र रच डाला।
गांव जाटौली के लोगों ने रविवार को अधिकार रैली निकाली। इसमें बड़ी संख्या में लोग अपने दोपहिया वाहनों के साथ शामिल हुए। तिरंगा लेकर निकले इन लोगों ने नगरपालिका कार्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। ग्रामीणों का आरोप है कि मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के बाद भी दासता के प्रतीक अंग्रेज गवर्नर हेली का नाम मंडी से नहीं हटाया जा रहा। अधिकार रैली की अध्यक्षता पूर्व कप्तान जनक चौहान ने की। उन्होंने कहा कि अंग्रेज गर्वनर हेली के नाम पर यहां अनाजमंडी की स्थापना की गई थी। यह वही अंग्रेज गर्वनर हेली था जिसने अनेक क्रांतिकारियों का शारीरिक व मानसिक शोषण करवाया और उन्हें फांसी के तख्ते तक पहुंचाया। आजादी के 72 साल बाद भी गुलामी के प्रतीक इस नाम को हमारे ऊपर जबरन थोपा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हेलीमंडी अनाजमंडी गांव जाटौली की जमीन पर विकसित व विस्तारित है। इसलिए प्रस्तावित नगर परिषद में मंडी का प्रयोग न करके पटौदी-जाटौली नगर परिषद शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि अंग्रेज गर्वनर हेली का कलंकित नाम बर्दाश्त नहीं होगा। हेलीमंडी का राजस्व रिकाॅर्ड गांव जाटौली का हिस्सा है, लेकिन सरकार जाटौली का नाम ही गुम करने में जुटी है।
इस दौरान पार्षद अमित शर्मा, प्रवीण ठाकरिया, अनिल शर्मा छोटू, सूबेदार किशोर सिंह, रवि चौहान, सुभाष चौहान, मास्टर सुरेंद्र चौहान, संदीप चौहान, देवी दयाल व हितेश चौहान समेत काफी लोग मौजूद रहे।