हरियाणा की नयी राजधानी, अलग हाईकोर्ट की मांग
नरवाना, 9 फरवरी (निस)
पूर्व चेयरमैन बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा चंडीगढ़ रणधीर सिंह बधराना एवं सह-संयोजक सुरेंद्र बैरागी, रविकांत सैन ने नरवाना बार एसोसिएशन के बार सदस्यों से मुलाकात की। इसमें चर्चा का मुख्य विषय रहा हरियाणा की नयी राजधानी और अलग उच्च न्यायालय की मांग। बैठक में बार के अध्यक्ष बलजीत सिंह मलिक, सचिव सुमित श्योकंद, पूर्व अध्यक्ष तीर्थ सिंह मोर, हर्ष मोर एडवोकेट, अजय मोर, परवीन चौधरी, रोहताश मोर, हरदयाल मोर, देवेन्द्र सांगवान कुलवान श्योकंद, रवि मोर और कई अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।.रणधीर सिंह बधरान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा को पंजाब से अलग हुए 57 साल हो गए हैं, लेकिन दुर्भाग्य से इस क्षेत्र को अभी तक पूर्ण स्वायत्त राज्य का दर्जा नहीं मिल सका है क्योंकि इसे अपनी अलग राजधानी और अलग उच्च न्यायालय प्राप्त किया। संयुक्त पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बना दिया गया। लेकिन आज का हरियाणा अपनी राजधानी से वंचित है। आज हरियाणा के लोगों के पास अपनी विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने तथा आधुनिक आर्थिक प्रगति और उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए कोई केंद्रीय स्थान नहीं है। राज्य की नई राजधानी का निर्माण इस समस्या के समाधान में अहम भूमिका निभाएगा। पंजाब ने न्यू चंडीगढ़ नामक एक उपनगर भी विकसित किया है। चंडीगढ़ स्थित हरियाणा की इमारतों का उपयोग राज्य के अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हरियाणा का राज्यगीत बनाने/उसे अपनाने का विचार सार्थक एवं स्वागत योग्य है।