For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Gender equality: राष्ट्रीय सम्मेलन में उठी पुरुषों के लिए न्याय की मांग, कहा- कानूनों का हो रहा दुरुपयोग

04:20 PM Aug 16, 2024 IST
gender equality  राष्ट्रीय सम्मेलन में उठी पुरुषों के लिए न्याय की मांग  कहा  कानूनों का हो रहा दुरुपयोग
राष्ट्रीय कांफ्रेंस के दौरान वक्ता।

चंडीगढ़, 16 अक्टूबर (ट्रिन्यू)

Advertisement

पुरुषों के मुद्दों पर काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के समूह एसआईएफ चंडीगढ़ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन “मेंटैलिटी” सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। देशभर से 20 से अधिक गैर सरकारी संगठनों और 160 से अधिक पुरुष अधिकार कार्यकर्ताओं ने दो दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लिया।

सम्मेलन का उद्देश्य लिंग आधारित कानूनों के दुरुपयोग, पुरुषों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, बेघर पुरुषों के पुनर्वास, घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों के लिए आश्रय गृहों की आवश्यकता और लिंग-तटस्थ कानूनों की आवश्यकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना था।

Advertisement

दो बार सांसद रह चुके और वर्तमान में देश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्यरत सत्य पाल जैन ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने प्रतिभागियों की चिंताओं को समझते हुए स्वीकार किया कि पुरुषों के खिलाफ कुछ कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे निर्दोष नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता को खतरा है। जैन ने इन मुद्दों को संबोधित करने में भाग लेने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रयासों की सराहना की।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक ओजस्वी शर्मा भी विशेष अतिथि और वक्ता के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने सामाजिक मुद्दों को उठाने में सिनेमा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और अपनी फिल्मों के माध्यम से संतुलित विचार प्रस्तुत करने के लिए फिल्म बिरादरी की जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला।

प्रसिद्ध बाइकर्स डॉ. अमजद खान और संदीप पवार, जिन्होंने हाल ही में पुरुषों के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत भर में 16,000 किलोमीटर की बाइक यात्रा पूरी की, को उनके काम के लिए सम्मानित किया गया।

सम्मेलन में लैंगिक समानता और न्याय की तलाश में एकजुट हुए पुरुष कार्यकर्ताओं, कानूनी बिरादरी के लोगों, मीडिया और फिल्म जगत के लोगों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान हुआ। यह सम्मेलन पुरुष अधिकार कार्यकर्ताओं के लिए अपने अनुभव और चिंताओं को साझा करने के लिए एक मंच के रूप में उभरा।

एसआईएफ चंडीगढ़ के प्रमुख रोहित डोगरा ने कहा, 'यह सम्मेलन कानून निर्माताओं तक पहुंचने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि कानूनों को लैंगिक-तटस्थ बनाया जा सके और कानूनों के दुरुपयोग को रोका जा सके।'

दिल्ली के एक गैर सरकारी संगठन मेन वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष अमित लखानी ने लिंग आधारित कानूनों के खुलेआम दुरुपयोग पर चिंता जताई और कहा कि नए कानूनों बीएनएस, बीएनएसएस, बीएसए में कानून निर्माताओं द्वारा कानूनों को लिंग-तटस्थ बनाने और दुरुपयोग को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है, यह समाज की जरूरतों के अनुसार कानूनों में संशोधन करने और लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने का एक खोया हुआ अवसर है।

ये प्रस्ताव किए गए पारित

  • लिंग आधारित कानूनों में संशोधन करके उन्हें लिंग-तटस्थ बनाया जाए।
  • कानूनों का दुरुपयोग करने वालों और झूठे मामले दर्ज करने वालों को दंडित करने के लिए कड़े प्रावधान हों।
  • राष्ट्रीय पुरुष आयोग जैसी संवैधानिक संस्था का गठन हो।
  • अनिवार्य साझा पालन-पोषण के लिए कानून हो।
Advertisement
Tags :
Advertisement
×