करोड़ों के टेंडरों की उच्च स्तरीय जांच की मांग
बहादुरगढ़, 28 जनवरी (निस)
औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों के विकास के नाम पर पिछले 10 साल में करोड़ों के टेंडर हुए लेकिन धरातल पर विकास कार्य नहीं है। औद्योगिक विकास को लेकर करोड़ों रुपए के बजट का प्रावधान हुआ है लेकिन जिले में विभिन्न वैध व अवैध औद्योगिक क्षेत्रों की हालत देखकर यह लगता है कि यहां विकास से कोई लेना देना नहीं। समस्याओं का मकड़जाल पूरी तरह से बना हुआ है। बहादुरगढ़ में छोटे-बड़े हजारों उद्योगों में लाखों कर्मचारी काम करते हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में हर रोज उद्यमी व श्रमिक परेशान होते हैं। कन्फेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज ने प्रदेश सरकार के साथ-साथ प्रदेश के एंटी करप्शन ब्यूरो को पत्र लिखकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
कोबी से जुड़े कई उद्यमियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बहादुरगढ़ के वैध औद्योगिक क्षेत्रों में सीवर पानी व पेयजल के साथ बिजली आदि की व्यवस्था के लिए 10 साल में करोड़ों रुपए दिए हैं। करोड़ों के टेंडर भी लगाए गए हैं लेकिन यहां काम 10 फीसदी भी नहीं हो पाया है जो दिखाई दे सके। इसी कारण अब पत्र में कहा गया है कि ठेकेदारों से लेकर एच.एस.आई.आई.डी.सी. द्वारा भेजे गए सभी पत्रों व भेजे गए रुपए की क्रमवाइज जांच की जाए तो उम्मीद है कि करोड़ों रुपए किसकी जेब में गए, इसका बड़े स्तर पर खुलासा हो सकता है।
उद्यमियों ने कहा कि बहादुरगढ़ में चाहे सूर्य नगर क्षेत्र हो या बालाजी जैसे औद्योगिक क्षेत्र व एवं अन्य उद्योग नगर, लेकिन यहां से करोड़ों का टैक्स सरकार को जा रहा है। इसी तरह से गणपति धाम, रोहद, दहकोरा रोड, बरहाना, सेक्टर 16 ,17, 4 बी के साथ बहादुरगढ़ में लगभग 17 औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनके द्वारा अरबों रुपये का उत्पादन कर करोड़ों का शुल्क अर्जित किया जाता है।