त्योहारी मौसम में दिल्ली की आबोहवा खराब 13 स्थानों पर एक्यूआई 300 से अधिक, यमुना में झाग का उफान
नयी दिल्ली, 18 अक्तूबर (ट्रिन्यू/एजेंसी)
दिल्ली में एक बार फिर वातावरण दमघोंटू हो चला है। त्योहारी मौसम में जहां हवा में भयानक प्रदूषण है, वहीं यमुना में झाग का उफान है। गौर हो कि दिवाली के छठ पर्व पर यमुना किनारे जगह-जगह पूजा के लिए श्रद्धालु जाते हैं।
शुक्रवार को यमुना में सफेद झाग की मोटी परत देखने को मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है विशेष रूप से तब, जब त्योहार का मौसम नजदीक आ गया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित कई वीडियो में नदी का ज्यादातर हिस्सा झाग की परत से ढका दिख रहा है। जानकारों ने कहा, ‘आम तौर पर ऊपरी यमुना के हिस्से में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर होती है, लेकिन इस साल 2024 के हाल में समाप्त हुए दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान कोई बाढ़ नहीं आई।’ विशेषज्ञों ने सरकार से यमुना में प्रदूषण के स्तर को कम करने का आग्रह किया है, खासकर तब जब छठ पूजा जैसे प्रमुख त्योहार नजदीक आ रहे हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, इस झाग में अमोनिया और फॉस्फेट की उच्च मात्रा होती है जिससे श्वसन और त्वचा संबंधी समस्याओं सहित स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम पैदा होता है। जानकारों के मुताबिक, ‘इस प्रकार का झाग तब बनता है जब सड़ते हुए पौधों से निकलने वाली वसा और प्रदूषक तत्व पानी में मिल जाते हैं, लेकिन मानसून के दौरान इसकी उपस्थिति आश्चर्यजनक है।’
उधर, दिल्ली में 13 स्थानों पर वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने शहर में ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता वाले 13 स्थानों पर प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने और उन्हें कम करने के लिए समन्वय समितियों का गठन किया है। राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरी दिल्ली ‘खराब’ हवा में सांस ले रही है, लेकिन 13 ‘हॉटस्पॉट’ में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब’ है, जहां एक्यूआई 300 को पार कर गया है। ‘हॉटस्पॉट’ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है। इन 13 स्थानों में नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर के पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका सेक्टर-8 शामिल हैं।
80 मोबाइल ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात
दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 13 ‘हॉटस्पॉट’ पर 300 से अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के लिए धूल कणों को प्रमुख कारकों में से एक के रूप में पहचाना गया है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में हवा में धूल कणों को कम करने के लिए 80 मोबाइल ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात की गई हैं।