दिल्ली के सीएम आवास पुनर्निर्माण का होगा ऑडिट
नयी दिल्ली, 27 जून (एजेंसी)
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के ‘पुनर्निर्माण' का विशेष ऑडिट करेंगे। राज निवास के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के 24 मई को प्राप्त एक पत्र पर गौर करने के बाद विशेष कैग ऑडिट की सिफारिश की थी। पत्र में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के ‘पुनर्निर्माण' में ‘घोर और प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताओं' का उल्लेख किया गया था।
अप्रैल में पहली बार मामला सामने आने के बाद से इस मुद्दे पर दिल्ली की आप सरकार एवं भाजपा के बीच लगातार वाकयुद्ध जारी है। आप ने दावा किया कि यह आवास 1942 में निर्मित पुराना, कमजोर ढांचा था और इसकी मरम्मत की आवश्यकता थी। भाजपा ने अनियमितताओं का आरोप लगाया। उपराज्यपाल के पत्र में कहा गया कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट के अनुसार, मरम्मत कार्य के नाम पर पीडब्ल्यूडी द्वारा एक नयी इमारत का पूर्ण निर्माण/पुनर्निर्माण किया गया। पत्र में कहा गया कि रिपोर्ट के अनुसार भवन उपनियमों के संदर्भ में भवन योजनाओं की अनिवार्य और पूर्व-आवश्यक मंजूरी अब तक पीडब्ल्यूडी की भवन समिति से प्राप्त नहीं की गई। रिपोर्ट में ‘एमपीडी-2021' या दिल्ली के मास्टर प्लान के घोर उल्लंघन को भी चिह्नित किया गया। पत्र में कहा गया, ‘दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1994 के अनुसार, 10 से अधिक संख्या में पेड़ों की कटाई/दूसरी जगह रोपने के लिए सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी प्राप्त करने से बचने के लिए कुल 28 पेड़ के लिए मंजूरी ली गई। मामला राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के समक्ष लंबित है।'
भाजपा की हताशा दिखती है : आप
आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बयान में कहा, ‘ मोदी सरकार के इस कदम से हताशा का संकेत मिलता है क्योंकि भाजपा को 2024 के आम चुनावों में हार का अंदेशा है। जहां तक मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण के संबंध में खर्चों की कैग से जांच की बात है, तो यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह पिछले साल ही की जा चुकी है, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं का कोई सबूत नहीं मिला। दिल्ली सरकार के मामलों में हस्तक्षेप करके केंद्र सरकार संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है।'