Delhi Politics: कांग्रेस ने केजरीवाल को बताया 'एंटी नेशनल', कहा- AAP से गठबंधन भूल थी
नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा)
Delhi Politics: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने बुधवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर "एंटी नेशनल" (राष्ट्र विरोधी) होने का आरोप लगाया और कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन करना उनकी पार्टी की एक भूल थी, जिसे सुधारना जरूरी है।
आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा एक "श्वेत पत्र " जारी किए जाने के मौके पर कांग्रेस के कोषाध्यक्ष ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि दिल्ली की दुर्दशा और यहां उनकी पार्टी की कमजोर होने की एक बड़ी वजह, कांग्रेस का 10 साल पहले केजरीवाल के नेतृत्व वाली पहली सरकार को समर्थन देना था।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके निजी विचार हैं। उन्होंने केजरीवाल की घोषणाओं का हवाला देते हुए कहा, "केजरीवाल को अगर एक शब्द में परिभाषित किया जा सकता है तो वह शब्द है "फर्जीवाल"। इस व्यक्ति की घोषणाएं सिर्फ फर्जीवाड़ा हैं, उसके अलावा और कुछ नहीं हैं।"
माकन ने कहा कि अगर वह (केजरीवाल) इतने गंभीर हैं तो पंजाब में इन कामों को करके दिखाएं क्योंकि वहां तो कोई उपराज्यपाल भी नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि वह फर्जी वादे करके लोगों को क्यों गुमराह कर रहे हैं?
माकन ने कहा, "हमारी पार्टी में सभी को अपने अपने विचार रखने की आजादी है। जहां तक केजरीवाल के बारे में मेरे विचार हैं तो आप (पत्रकार) लोगों से बेहतर कोई नहीं जानता। मेरा मानना है कि दिल्ली की आज जो दुर्दशा है और कांग्रेस इतनी कमजोर हुई है, तो इसकी वजह यह है कि 2014 में हमने उनका 40 दिनों के लिए समर्थन किया था। दिल्ली की दुर्दशा का एक सबसे बड़ा कारण यही है।"
गठबंधन एक भूल हुई है
माकन ने कहा, " मेरा मानना है कि दोबारा गठबंधन (लोकसभा चुनाव में) करके एक भूल हुई है और उसे सुधारना जरूरी है। मैं कभी भी इस बात का पक्षधर नहीं रहा हूं कि केजरीवाल जैसे व्यक्ति पर भरोसा किया जाए।" उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल राजनीति में अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं तथा इनकी कोई विचारधारा और कोई सोच नहीं है।
केजरीवाल ने कई मुद्दों पर दिया भाजपा का साथ
माकन ने दावा किया कि केजरीवाल सामान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 370 और संशोधित नागरिकता कानून के मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी के रुख के साथ खड़े नजर आए। उन्होंने आरोप लगाया, "वह "एंटी नेशनल" हैं, उनकी कोई विचारधारा नहीं है सिवाय अपनी निजी महत्वाकांक्षा के। "
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "केजरीवाल की पार्टी का जन्म लोकपाल और जन लोकपाल के लिए हुआ था। सरकार बनने के बाद तो वह कई बार धरने पर बैठे हैं । लेकिन क्या वह एक बार भी लोकपाल या जन लोकपाल के लिए धरने पर बैठे? वह जन लोकपाल कहां है ? अब तो उसकी चर्चा भी नहीं होती।"
कांग्रेस ने दिल्ली सरकार और केंद्र पर श्वेत पत्र जारी किया
कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के "काले कारनामों" के खिलाफ एक 'श्वेत पत्र' जारी किया और आरोप लगाया कि दिल्ली की दुर्दशा के लिए दोनों पार्टियां जिम्मेदार हैं। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 'मौका-मौका, हर बार धोखा' शीर्षक से श्वेत पत्र जारी किया।
पार्टी ने इसमें दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार की कथित वादाखिलाफी का उल्लेख किया है। यह श्वेत पत्र जारी करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि यह श्वेत पत्र दिल्ली और केंद्र सरकार के "काले कारनामों" के बारे में है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगाती रहती हैं, जबकि परेशान जनता होती है, जो इन दोनों के बीच फंसी है। "
माकन ने आरोप लगाया कि इन दोनों सरकारों ने बीते कई वर्षों में दिल्ली को नफरत का बाजार बना दिया है। उन्होंने दावा किया, "यहां बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और दिल्ली को बनाने वाले लोगों के सम्मान से लगातार समझौता किया गया है।"
माकन का कहना था," कोरोना काल के समय लोगों को अपने परिजनों के शव के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ा, दिल्ली में ऑक्सीजन, आईसीयू की कमी थी। उस समय दिल्ली सरकार अस्पताल बनाने के बजाय "शीशमहल" बनाने में पैसे खर्च कर रही थी, वहीं भाजपा की सरकार सेंट्रल विस्टा बना रही थी।"
उन्होंने दावा किया, "आज दिल्ली के अंदर बुजुर्गों को पेंशन पाने में दिक्कत आती है। नए राशन कार्ड बनने बंद हो गए हैं। जो पुराने हैं, उन्हें खत्म किया जा रहा है। यह दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या है। " माकन ने आरोप लगाया कि केजरीवाल "फर्जीवाल" हैं और अपनी घोषणाओं से दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, "दिल्ली में पिछले 11 साल से आम आदमी पार्टी की सरकार है और केंद्र में 2014 से भाजपा की सरकार है। दिल्ली की जनता ने बहुत उम्मीद के साथ इन दोनों सरकारों को चुना था, लेकिन उन्हें इन वर्षों में झूठे वादों के साथ सिर्फ धोखा मिला।"
उनका कहना था, "दिल्ली में 15 साल कांग्रेस की सरकार रही। उस समय दिल्ली ने नए आयाम गढ़े। चाहे विकास हो या सामाजिक क्षेत्र.. हमारी सरकार ने गरीब, महिला, युवा समेत हर वर्ग के लिए काम किए। " दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव संभावित हैं।