दिल्ली के मंत्री राज कुमार ने पद और पार्टी छोड़ी
नयी दिल्ली, 10 अप्रैल (एजेंसी)
दिल्ली के मंत्री राज कुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी (आप) में दलितों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए बुधवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और पार्टी छोड़ दी। समाज कल्याण समेत विभिन्न विभाग संभालने वाले आनंद ने आरोप लगाया कि ‘आप’ के शीर्ष नेताओं में कोई दलित नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह पार्टी दलित विधायकों, पार्षदों और मंत्रियों का सम्मान नहीं करती। ऐसे में सभी दलित ठगा हुआ महसूस करते हैं। हम एक समावेशी समाज में रहते हैं, लेकिन अनुपात के बारे में बात करना गलत नहीं है। इन सभी चीजों के साथ मेरे लिए पार्टी में बने रहना मुश्किल है। इसलिए मैं पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’ उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी कटाक्ष किया। केजरीवाल आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद तिहाड़ जेल में हैं। पटेल नगर सीट से विधायक आनंद ने कहा, ‘जंतर मंतर से, अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलते ही देश बदल जाएगा। राजनीति नहीं बदली है, लेकिन राजनीतिज्ञ बदल गए हैं।’ अपने इस्तीफे के समय के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में आनंद ने कहा, ‘कल तक हम यही समझ रहे थे कि हमें फंसाया जा रहा है, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद ऐसा लगता है कि हमारी ओर से कुछ गड़बड़ है।’ दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केजरीवाल की गिरफ्तारी और उसके बाद हिरासत को बरकरार रखते हुए कहा था कि बार-बार समन जारी करने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास ‘थोड़ा विकल्प’ बचा था।
हमारा दावा सही निकला : आप
आप ने दावा किया कि दिल्ली के मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा उसके इस रुख की पुष्टि करता है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का उद्देश्य पार्टी को खत्म करना है। आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘हमारे मंत्रियों और विधायकों को तोड़ने’ के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, ‘यह आप के मंत्रियों और विधायकों की अग्निपरीक्षा है।’