Delhi Liquor Scam : चुनाव से पहले मुश्किल में फंसे केजरीवाल, केस चलाने के लिए ED को मिली गृह मंत्रालय से मंजूरी
नई दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा)
Delhi Liquor Scam : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। संघीय एजेंसी ने केजरीवाल (56) को पिछले साल मार्च में गिरफ्तार करने के बाद यहां विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
इस मामले में फिलहाल जमानत पर बाहर केजरीवाल यहां नई दिल्ली सीट से दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हाल में दिल्ली आबकारी नीति मामले में केजरीवाल पर धन शोधन निरोधक कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को आवश्यक मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल के माध्यम से एजेंसी द्वारा यह अनुरोध किया गया था और इस अनुरोध को मंजूरी देने के लिए मंत्रालय सक्षम प्राधिकार है।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य आरोपी लोक सेवकों के लिए भी इसी प्रकार की मंजूरी प्राप्त की गई है। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब पांच फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। एजेंसी अब उन सभी आरोपी नेताओं, मंत्रियों और नौकरशाहों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197(1) के तहत मंजूरी मांग रही है, जिनके खिलाफ उसने मामला दर्ज किया है। यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के नवंबर 2024 के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि ईडी को भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की तर्ज पर इस तरह की प्रक्रिया अपनानी होगी।
केजरीवाल को उनकी व्यक्तिगत हैसियत के साथ आप के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री को दिल्ली में आबकारी ‘घोटाले' का ‘मुख्य साजिशकर्ता' बताया था। आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्री, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करते हुए इस काम को अंजाम दिया। ईडी ने पहले दावा किया था कि आप एक राजनीतिक दल है और इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भारत के नागरिकों के एक संगठन या निकाय के रूप में परिभाषित किया गया है, इसलिए इसे पीएमएलए की धारा 70 के तहत एक ‘कंपनी' के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
इसमें कहा गया है कि अपराध के समय केजरीवाल आप के ‘प्रभारी और जवाबदेह' थे, इसलिए उन्हें और उनकी पार्टी को धन शोधन निरोधक कानून के तहत अपराधों का ‘दोषी माना जाएगा' तथा उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। आबकारी मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितता और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस नीति को रद्द किया जा चुका है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया। सीबीआई द्वारा 17 अगस्त 2022 को दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए ईडी ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 22 अगस्त 2022 को धन शोधन का मामला दर्ज किया था।