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दिल्ली सरकार ने बिगाड़ी यमुना की स्थिति, मामले की होगी जांच : मनोहर

11:01 AM Jul 17, 2023 IST
दिल्ली सरकार ने बिगाड़ी यमुना की स्थिति  मामले की होगी जांच   मनोहर
सोनीपत में रविवार को डीसीआरयूएसटी, परिसर में 135 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण करते मुख्यमंत्री मनोहर लाल। -हप्र
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सोनीपत, 16 जुलाई (हप्र)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण हरियाणा व दिल्ली में हुए जलभराव के लिए सीधे दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे केवल आईटीओ बैराज की ही नहीं बल्कि दिल्ली में पूरे यमुना क्षेत्र की जांच करवाएंगे। दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण यमुना की स्थिति बिगड़ी है, जिसकी वजह से पिछले कई दिन से दिल्ली व बाहर से आने वाले लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सोनीपत में दो जगह आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की। खरखौदा के कन्या कॉलेज में उन्होंने अदम्य साहस से दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले बि्रगेडियर होशियार सिंह तथा गुरु के लिए अपना शीश काट कर देने वाले दादा कुशाल सिंह दहिया की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री मुरथल के दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) में पहुंचे और यहां आइडिया लैब को लोकार्पित किया तो वहीं, विवि परिसर में 135 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण किया। इस दौरान सांसद रमेश कौशिक, राई विधायक मोहन लाल बडौली, गन्नौर विधायक निर्मल चौधरी, पूर्व मंत्री कविता जैन, विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अर्चना मिश्रा, डीसी ललित सिवाच समेत भाजपा के अनेक पदाधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दिल्ली सरकार ने यमुना को लेकर बेहद ज्यादा लापरवाही बरती है। यह सोचने वाली बात है कि एक समय में 7-8 लाख क्यूसिक पानी भी यमुना में गुजर जाता था, लेकिन इस बार साढ़े 3 लाख क्यूसिक पानी से ही दिल्ली में जलभराव हो गया। इस दौरान उन्होंने समाज में दहिया खाप की भूमिका की सराहना भी की।
हुड्डा अपने समय में झाड़ लेते थे आपदा से पल्ला...
मुख्यमंत्री ने नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वे इस तरह से बात कर रहे हैं जैसे उनके समय में कोई आपदा ही न आई हो। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि आपदा प्रबंधन को लेकर उनके समय साल में केवल एक बार बैठक होती थी और वे पल्ला झाड़ लेते थे। जबकि वर्तमान सरकार में दो बार बैठक होती है और इंतजामों पर इस बार भी बाढ़ राहत के लिए 800 करोड़ के प्रोजेक्ट शुरू किए थे। उन्होंने कहा कि इस बार अचानक तेज बारिश व यमुना में पहाड़ों से अचानक ज्यादा पानी आने से हालात खराब हुए। पानी का सैलाब आता है तो बाढ़ के हालात होते हैं, पर लगातार राहत कार्य जारी है।
आपदा के समय आरोप लगाना छोटी सोच : सीएम
रोहतक (निस): मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भारी बारिश व बाढ़ से उत्पन्न हालात के दौरान राजनेताओं द्वारा दिये जा रहे बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस आपदा के समय आरोप-प्रत्यारोप का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वह मानवता, प्रदेश व देश हित में बिल्कुल भी नहीं है। यह छोटी सोच का उदाहरण है। रविवार को मुख्यमंत्री पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये कौन सा सिद्धांत है कि हम अपने जिले डुबोएंगे और फिर दिल्ली को डुबोएंगे? यमुना से जो नुकसान हुआ है, उससे तो सबसे पहले यमुनानगर ही डूबा। जिले के दो गांव राज्य सरकार को खाली कराने पड़े। हरियाणा का एरिया यमुना के साथ दिल्ली के मुकाबले ज्यादा लगता है। इसलिए इतनी समझ (सीएम केजरीवाल) उन्हें होनी चाहिए कि कम से कम इस प्रकार का बयान देने से पहले, हरियाणा को बदनाम करने से पहले सोचें। हरियाणा ऐसे बदनाम नहीं होगा। हरियाणा की अपनी एक पहचान है। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि दिल्ली के पानी की आवश्यकता को हरियाणा ही पूरा करता है। दिल्ली का शेयर 750 क्यूसिक है और आज भी हरियाणा दिल्ली को 1070 क्यूसिक पानी देता है। 320 क्यूसिक पानी उसके हिस्से से ज्यादा देते हैं। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पानी पर पहला अधिकार पीने वाले लोगों का होता है, तो दिल्ली की पीने की पानी की आवश्यकता पूरी करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जितना अतिरिक्त पानी हरियाणा देगा, उस अतिरिक्त पानी का दिल्ली सरकार भुगतान करेगी। जबकि दिल्ली सरकार उस 320 क्यूसिक अतिरिक्त पानी का पैसा नहीं देती है। कोई चीज यदि पैसे से दी जा रही है तो उसका पैसा लौटाना ही चाहिए।

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