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डिग्री केवल उपलब्धि नहीं, एक नयी यात्रा की शुरुआत भी : द्रौपदी मुर्मू

06:58 AM Mar 12, 2025 IST
एम्स बठिंडा में मंगलवार को दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, पंजाब के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां व अन्य उच्च अधिकारी। -पवन शर्मा

बठिंडा, 11 मार्च (निस)
डिग्री हासिल करना केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक नयी यात्रा की शुरुआत भी है। यह बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज बठिंडा में पंजाब केंद्रीय विश्‍वविद्यालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्‍स) के दीक्षांत समारोहों में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में कही। केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी छात्र अपने आचरण और योगदान के माध्यम से विश्वविद्यालय, अपने परिवार और देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने छात्रों को जीवन में जिज्ञासा, मौलिकता, नैतिकता, दूरदर्शिता और सहजता अपनाने के लिए प्रेरित किया। मौलिकता का एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राज कुमार की उपलब्धि को उजागर किया, जिन्हें कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए राष्ट्रपति भवन में आयोजित विज़िटर कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रतिष्ठित विज़िटर अवार्ड प्रदान किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने 1,091 पीजी और पीएचडी उपाधियां, 43 स्वर्ण पदक प्रदान किए तथा पांच प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मानद उपाधियां (डी. लिट.) सम्मानस्वरूप प्रदान कीं। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति राघवेंद्र प्रसाद तिवारी, पंजाब के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी उपस्थित रहे।
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अपने संबोधन में विश्वास व्यक्त किया कि सीयू पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।

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49 एमबीबीएस स्नातकों को डिग्रियां

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बठिंडा में दीक्षांत समारोह में अकादमिक उत्कृष्टता के लिए 9 स्वर्ण पदक और एमबीबीएस स्नातकों को 49 डिग्रियां प्रदान कीं। एमडी, एमएस और एमडीएस छात्रों को भी 6 स्वर्ण पदक और कुल 36 डिग्री प्रदान की गईं। उन्होंने एम्स बठिंडा को चिकित्सा देखभाल और शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में विकसित करने की अपील की। उन्होंने क्षेत्र में प्रचलित बीमारियों, मोटापे और कैंसर जैसी उभरती बीमारियों पर केंद्रित शोध की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इस दौरान प्रो. अनिल कुमार गुप्ता, एम्स बठिंडा के अध्यक्ष, प्रो. मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक एम्स बठिंडा, संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।

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