कविताओं में गहरे जीवन संदेश
विवेक शर्मा
प्रेम को विभिन्न भावनाओं और जीवन के हर पहलू से जोड़ने का प्रयास करती ‘प्यार जीवन का आधार’ एक अनूठा लघुकविता संग्रह है। डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल द्वारा रचित यह कृति 26 खंडों में विभाजित 108 लघुकविताओं के माध्यम से पाठकों को आत्ममंथन की गहराइयों में ले जाती है।
संग्रह की सबसे बड़ी विशेषता इसका विषयगत विस्तार है। कविताओं में प्रेम को देशभक्ति, पर्यावरण संरक्षण, मानवता, स्वच्छता, और स्वदेशी वस्तुओं के प्रति जागरूकता जैसे विषयों से जोड़ने का सफल प्रयास किया गया है। उदाहरणस्वरूप, ‘देश पर जाएं बलिहारी’ देशप्रेम की भावना को उजागर करती है, जबकि ‘प्रकृति से प्यार’ पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पर जोर देती है। काव्य की झलक—
‘भूमि को प्रदूषित मत कीजिये’
अगर तुम्हें करना है
पर्यावरण से खुलकर प्यार
भूमि पर जगह-जगह
मत फेंको कूड़ा-करकट
भूमि हो जाएगी प्रदूषित
और पर्यावरण नहीं रहेगा स्वच्छ।
कविता सरल शब्दों में पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश देती है। डॉ. अग्रवाल की लेखनी सरल, प्रभावशाली और सटीक है। लघुकविताएं संक्षिप्त होते हुए गहराई से अपनी बात कहती हैं। उदाहरण के लिए, ‘पुस्तकों से प्यार’ और ‘स्वच्छता एक मिशन’ न केवल प्रेरित करती हैं, बल्कि समाज को बेहतर बनाने का संदेश भी देती हैं।
पुस्तक का विषय और संदेश प्रेरणादायक हैं। कुछ कविताओं में गहराई अपेक्षित है। खंडों की संख्या को संयोजित करके संग्रह को और प्रभावशाली बनाया जा सकता था।
पुस्तक : प्यार जीवन का आधार लेखक : डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल प्रकाशक : आनंद कला मंच, भिवानी पृष्ठ : 128 मूल्य : रु. 200.