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हिमाचल त्रासदी में मरने वालों का आंकड़ा 20 तक पहुंचा, 35 अभी भी लापता

06:50 AM Aug 08, 2024 IST
हिमाचल त्रासदी में मरने वालों का आंकड़ा 20 तक पहुंचा  35 अभी भी लापता
शिमला के साथ लगते सुन्नी के कोल डैम में सर्च ऑपरेशन में जुटा एनडीआरएफ का दल।
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शिमला/रामपुर बुशहर, 7 अगस्त (हप्र/निस)
हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में 31 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई बाढ़ में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 35 लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान जारी है। यह त्रासदी कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर क्षेत्र के समेज में हुई थी। सबसे ज्यादा प्रभावित शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज गांव है, जहां करीब 30 लोग लापता हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मंडी के राजबन गांव से अभी तक नौ शव बरामद किए गए हैं। कुल्लू जिले के निरमंड से एक और रामपुर और शिमला जिले की समेज त्रासदी में दस शव बरामद किए गए। समेज शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में सरपारा पंचायत के अंतर्गत आता है और कुल्लू जिले की सीमा से लगा हुआ है। करीब 85 किलोमीटर क्षेत्र में तलाशी अभियान चल रहा है।
इस बीच समेज त्रासदी में रेस्क्यू टीम को मंगलवार को सुन्नी के पास सतलुज के किनारे एक और शव मिला। देर शाम तक शव की पहचान सिद्धार्थ निवासी नंदरूल (कांगड़ा) के रूप में हुई। सिद्धार्थ समेज में ग्रीनको प्रोजेक्ट में बतौर इंजीनियर काम करता था। समेज खड्ड में बादल फटने से लापता 2 अन्य शवों की भी पहचान हो गई है। दोनों शव 3 दिन पहले मिले थे। डीएनए सैंपल के जरिए रामपुर के सुग्गा की बेटी रचना और झारखंड के राजकुमार पांडे की बेटी प्रीतिका की पहचान हो गई है। इस हादसे में प्रीतिका के माता-पिता दोनों अभी भी लापता हैं। प्रीतिका समेज स्कूल की छात्रा थी।
डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बताया कि समेज में लगभग 95 प्रतिशत क्षेत्र की खुदाई कर दी गई है। इस दौरान कुछ सामान जरूर मिला है। मगर लापता व्यक्ति यहां नहीं मिल पाए। बहरहाल जब तक स्थानीय ग्रामीण संतुष्ट नहीं हो जाते तब तक समेज में घटनास्थल पर सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।

और शव मिलने की संभावना कम ही है : नेगी

उधर राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बुधवार को कहा कि समेज में प्रभावित इलाके की तलाशी ली जा चुकी है और शवों के मिलने की संभावना कम है। ऐसे में त्रासदी में लापता हुए करीब 35 लोगों के परिजनों ने उम्मीद खोना शुरू कर दिया है। पीड़ितों का पता लगाने के लिए खोज और बचाव अभियान लगातार बारिश के बीच बुधवार को सातवें दिन भी जारी रहा। समेज गांव में चल रहे अभियान के बारे में एनडीआरएफ के सहायक कमांडिंग अधिकारी करम सिंह ने कहा कि बारिश के बावजूद संयुक्त खोज और बचाव अभियान जारी है।

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सड़क पर ही करना पड़ा अंतिम संस्कार

समेज हादसे के बाद लापता रचना पत्नी राजेश कुमार निवासी कंदराहड़, डाकघर सुघा (सरपारा) का बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान मौजूद सभी ग्रामीणों ने नम आंखों से रचना को अंतिम विदाई दी। उसका दाह संस्कार हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार किया गया। समेज में घर बह जाने के कारण कुशवा खड्डू के समीप सड़क पर रचना का शव रखकर कर्म करने पड़े।

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