डेफलंपिक्स स्वर्ण पदक विजेता वीरेंद्र सिंह भी लौटाएंगे पद्मश्री
नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (एजेंसी)
डेफलंपिक्स (मूक बधिर खिलाड़ियों का ओलंपिक) के स्वर्ण पदक विजेता वीरेंद्र सिंह यादव ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में देश के शीर्ष पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए सरकार को अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया है।
गूंगा पहलवान के नाम से मशहूर वीरेंद्र ने ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया का समर्थन करते हुए कहा कि वह अपना सम्मान वापस लौटा देंगे।
वीरेंद्र ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘मैं भी अपनी बहन और देश की बेटी के लिए पद्मश्री सम्मान लौटाऊंगा। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, मुझे आपकी बेटी और मेरी बहन साक्षी मलिक पर गर्व है।’ उन्होंने सचिन तेंदुलकर और नीरज चोपड़ा जैसी देश की प्रतिष्ठित खेल हस्तियों से भी इस मुद्दे पर अपनी राय देने का आग्रह किया। वीरेंद्र को 2021 में देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री मिला था। इससे पहले उन्हें 2015 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। डब्ल्यूएफआई चुनाव के फैसले आने के तुरंत बाद साक्षी, बजरंग और विनेश फौगाट ने प्रेस कांफ्रेंस की थी। इसमें साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया। इन तीनों के अलावा देश के कुछ अन्य पहलवानों ने बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। उन्होंने 30 मई को हरिद्वार में अपने पदक गंगा नदी में बहाने का फैसला किया था लेकिन किसान नेताओं ने उन्हें ऐसा कदम न उठाने के लिए मना लिया था।
बजरंग विवाद पर अब कोई टिप्पणी नहीं : अनुराग ठाकुर
बेंगलुरू : बजरंग पूनिया द्वारा पद्मश्री लौटाने के विवाद पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने टिप्पणी करने इनकार कर दिया। ठाकुर ने यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में शीर्ष खिलाड़ियों और एशियाई खेलों के पदक विजेताओं के सम्मान समारोह के मौके पर कहा, ‘मैं पहले ही काफी बोल चुका हूं। अब और कोई टिप्पणी नहीं।’ ठाकुर ने इस मौके पर साई में नयी छात्रावास सुविधाओं और एक सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों (हांग्झोउ में) और एशियाई पैरा खेलों दोनों में 100 से अधिक पदक जीते। उनकी कहानियों को लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, अब, चैंपियन खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आने वाले युवाओं को अपनी समझ और अनुभव प्रदान करें ताकि हम भविष्य में और बेहतर कर सकें।’