डीसी हुए नाराज, बिल्डर्स को दिये स्ट्रक्चरल ऑडिट फीस जल्द जमा करवाने के निर्देश
गुरुग्राम, 3 दिसंबर(हप्र)
जिला की विभिन्न सोसायटीज में रह रहे नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत डीसी अजय कुमार ने मंगलवार को विभिन्न बिल्डर प्रबंधन के साथ बैठक कर उन्हें स्ट्रक्चरल ऑडिट प्रक्रिया को गति देने के लिए दिशा निर्देश दिए। लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित इस बैठक में एडीसी हितेश कुमार मीणा, डीटीपी आरएस भाट व डीटीपी (ई) मनीष यादव भी मौजूद रहे।
बैठक में डीसी अजय कुमार ने बिल्डर कंपनियों द्वारा आवासीय टॉवर का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाने में सहयोग नही मिलने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कुछ बिल्डर्स इस समूची प्रक्रिया में रुचि न लेते हुए ऑडिट प्रक्रिया के लिए अपने हिस्से की फीस जमा नही करा रहे। उन्होंने कहा कि आमजन की सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील विषय मे बिल्डर्स प्रबंधन द्वारा इस प्रकार का गैर-जिम्मेदाराना रवैया किसी भी रूप में स्वीकार्य नही है। डीसी ने उक्त बिल्डर्स को निर्देश देते हुए कहा कि वे जल्द से जल्द अपने हिस्से की फीस जमा करवाना सुनिश्चित करें ताकि स्ट्रक्चरल ऑडिट की प्रक्रिया को गति दी जा सके। इस दौरान उन्होंने ऐसी आरडब्ल्यूए जिन्होंने अपने स्तर पर अभी तक ऑडिट फीस जमा नही करवाई, उनकी एक अलग बैठक बुलाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में एडीसी हितेश कुमार मीणा ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए चार एजेंसी को अधिकृत किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संबंधित बिल्डर्स इन चार अधिकृत एजेंसियों के अलावा अन्य एजेंसी से ऑडिट कराने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए संबंधित आरडब्ल्यूए से लिखित में सहमति लेनी होगी।
बैठक में डीटीपी मनीष यादव ने स्ट्रक्चरल ऑडिट की जानकारी देते हुए बताया कि प्रक्रिया के पहले चरण में 15 सोसायटियों को शामिल किया गया था। दूसरे चरण में उपरोक्त 15 में से दो में अभी बिल्डर की ओर से ऑडिट फीस जमा नही की गई है। 11 सोसायटी में टेस्टिंग का काम पूरा हो चुका है व दो सोसाइटी में रिपेयर का काम भी शुरू हो गया है। इसी प्रकार दूसरे फेज में 23 अन्य सोसाइटियों को शामिल किया गया था, जिनमें से केवल एनबीसीसी सोसायटी में बिल्डर व आरडब्ल्यूए व 2 अन्य सोसायटी में बिल्डर द्वारा ही ऑडिट फीस जमा कराई गई है। उन्होंने बताया कि इस फेज में अभी 22 सोसायटी में आरडब्ल्यूए व 20 सोसायटी में बिल्डर के स्तर पर ऑडिट फीस पेंडिंग है।