10 साल पहले हुई दलित उत्पीड़न की घटनाएं बनी चुनावी मुद्दा
चंडीगढ़, 24 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा की पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई गोहाना व मिर्चपुर की घटनाएं अचानक से प्रदेश में चुनावी मुद्दा बन गई हैं। कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा के संबंध में वीडियो वायरल होने की घटना को भाजपा ने मुद्दा बना लिया है। हरियाणा में इससे पहले भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर के साथ मारपीट की घटना घटी थी।
भाजपा नेताओं द्वारा पिछले दो दिनों से सभी मंचों पर दलित उत्पीड़न की घटनाओं को उछाला जा रहा है। हरियाणा में वर्ष 2005 से 2014 तक हुड्डा सरकार सत्ता में रही। इस कार्यकाल के दौरान गोहाना व मिर्चपुर में हुई घटनाओं की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई थी।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मंगलवार को अपने एक्स पर कांग्रेस को दलित विरोधी मानसिकता पर घेरते हुए कहा कि जिसके पैरों में सालों तक नाल ठोंकी गई हो, उनसे लोहे का स्वाद नहीं पूछते! हरियाणा के दलितों को ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि कांग्रेस और हुड्डा का शासन दलितों के लिए कितना खतरनाक और हिंसक था, जिसके डरावने सपने उन्हें आज भी आते हैं। दलित उत्पीड़न के सभी मामलों में हुड्डा सरकार की साफ मिलीभगत थी या मौन समर्थन था।
महज एक कुत्ते के भौंकने पर मिर्चपुर में उस दलित बेटी को जिंदा जला दिया गया,जो ऑफिसर बनने वाली थी। वो खौफनाक मंजर चाहे गोहाना हो या मिर्चपुर या भगाना हो। कैलेंडर में ये सारी काली तारीखें, हुड्डा के राज के समय की ही मिलेंगी। दरअसल कांग्रेस का आचरण ही दलित विरोधी हैं।