Dadpur-Nalvi Canal Dispute : हाईकोर्ट के फैसले से नाखुश मोदी सरकार जाएगी SC, कांग्रेस ने किया वाॅकआउट
चंडीगढ़, 10 मार्च (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)
Dadpur-Nalvi Canal Dispute : हरियाणा की दादुपुर-नलवी नहर को लेकर छिड़े विवाद पर सोमवार को विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान हंगामा हुआ। इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष में सीधा टकराव देखने को मिला। पूर्व मंत्री व अंबाला सिटी से कांग्रेस विधायक निर्मल सिंह ने यह मुद्दा उठाया। सिंचाई मंत्री की ओर से संसदीय कार्य मामले मंत्री महिपाल सिंह ढांडा ने इसका जवाब दिया। विवाद बढ़ने के बाद सीएम नायब सिंह सैनी को भी दखल देना पड़ा।
विवाद उस समय अधिक बढ़ गया जब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस के अन्य विधायकों ने इस संदर्भ में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा सरकार के खिलाफ दिए गए फैसले का उल्लेख किया। संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष से दो-टूक कहा कि ऐसा कोई फैसला हाईकोर्ट का नहीं आया है। अगर विपक्ष के पास फैसला है तो उसकी कापी दी जाए। विरोध में कांग्रेस ने हंगामे के बीच सदन से वॉकआउट भी किया। बाद में रोहतक विधायक बीबी बतरा केस नंबर और फैसले का आर्डर मोबाइल में दिखाने लगे।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सदन में पूर्व में ही कह चुके हैं कि हाईकोर्ट ने एक धारा को रद्द किया है। हाईकोर्ट के फैसले को सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। विपक्ष सरकार से यह जवाब मांगता रहा कि दादुपुर-नलवी नहर को बनाया जाएगा या नहीं। समाज कल्याण मंत्री कृष्ण बेदी ने नहर के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस जगह यह नहर बनाई गई, वहां के किसानों से पूछ लो, कोई भी ऐसा नहीं चाहता।
हुड्डा ने जब नहर निर्माण को लेकर सवाल दागा तो महिपाल ढांडा ने कहा कि पूर्व में भी इस मुद्दे पर कई बार चर्चा हो चुकी है। सरकार अपना जवाब भी दे चुकी है। सरकार ने इस बात से साफतौर पर इंकार किया कि हाईकोर्ट ने नहर निर्माण को लेकर फैसला दिया है। बेशक, एक धारा को लेकर जरूर हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया है लेकिन इसे भी सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय ले चुकी है। विवाद अधिक बढ़ा तो बीच में स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने सरकार को पूरे मामले का अध्ययन करवा कर जवाब देने को कहा।
स्पीकर ने कहा - नोटिस दो
दादुपुर-नलवी नहर के मुद्दे पर कांग्रेस ने जब हंगामा शुरू कर दिया तो स्पीकर ने कांग्रेसियों को सलाह दी कि वे इस मुद्दे पर अलग से नोटिस दें। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने सदन को गुमराह किया है। बीबी बतरा ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला स्पष्ट है। सीएम के पक्ष के साथ खड़े नजर आए स्पीकर ने कहा कि इस नहर से बने एक्ट की एक धारा को लेकर सीएम ने पहले ही सदन में बयान दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट जाने की बात भी कही गई है। इसके बाद यह मामला शांत हो गया।